बहराइच: किसानों की 50 हेक्टेयर जमीन नदी में समाहित, 75 घर बहे
बहराइच, 17 अगस्त
नेपाल के पहाड़ों पर हो रही मूसलधार बारिश से उत्तर प्रदेश के बहराइच के मोतीपुर तहसील क्षेत्र से होकर बहने वाली घाघरा नदी का जलस्तर लगातार बढऩे लगा है। जिससे इस क्षेत्र के 75 किसान परिवारों की करीब 50 हेक्टेयर जमीन नदी में समाहित हो गई है। अब तक 50 बाढ़ प्रभावित इलाके में करीब 75 घर कटकर बह गए हैं।
जिले के आला अधिकारियों व जन प्रतिनिधयो ने इस इलाके का दौरा किया है और पीड़ितों को राहत व बचाव कार्य के साथ-साथ सरकारी इमदाद देने का आश्वासन दिया है।
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण भारत के तराई क्षेत्र मिहींपुरवा तहसील से होकर बहने वाली घाघरा नदी इन दिनों उफान पर है। नदी का जलस्तर बढ़ने से चहलवा गांव के मजरे दूधनाथपुरवा, बंगाली पुरवा, जुगुल पुरवा, हनुमानगढ़ी में करीब डेढ़ दर्जन घर नदी के कटान में बह गये तथा लगभग 50 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि भी नदी में समाहित हो गयी। इसी के साथ घाघरा के विकराल रूप से कई गांवो में कटान का खतरा बना हुआ है।
उन्होंने बताया कि रविवार को तहसील मिहींपुरवा के थाना सुजौली के तहत चहलवा के माजरा दूधनाथ पुरवा, बंगाली पुरवा, जुगुल पुरवा, हनुमानगढ़ी के घर नदी के बहाव में लगभग 13 ग्रामीणो के मकान बह गये। जिससे कई ग्रामीण खुले आसमान के नीचे आ गए हैं। नदी के कटान के चलते किसानों के धान, गन्ने की फसल का काफी नुकसान हुआ है। लगभग 75 किसान परिवारों कटान से घरों के नदी में समाहित होने की सूचना मिलते ही एडीएम जयचन्द्र, एसडीएम मिहींपुरवा बाबूराम तथा नायब तहसीलदार शशांक उपाध्याय मौके पर पहुंचे और मौका मुआयना कर ग्रामीणो के नुकसान की सूची तैयार कराई है।
उप जिलाधिकारी (मिहींपुरवा) बाबूराम ने नदी के किनारे बसे ग्रामीणों को दूसरी जगह सुरक्षित बसाने के निर्देश दिये। नायब तहसीलदार शशांक उपाध्याय ने कहा कि कटान से प्रभावित हुये सभी ग्रामीणों की सूची तैयार हो गई है जल्द ही सभी को सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
उधर क्षेत्र की विधायक श्रीमती सरोज सोनकर ने बाढ़ इलाके का दौरा करने के बाद पत्रकारों को बताया कि 50 बाढ़ प्रभावित इलाके में करीब 75 घर कटकर बह गए हैं, मुख्यमंत्री की ओर से पीड़ितों के रहने और खाने की व्यवस्था स्कूलों में की जा रही है और तिरपाल दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों मुख्यमत्री के साथ बैठक हुई थी उसमें उन्होंने बताया है कि जिनके घर बाढ़ में बह गए है,उनको जमीन वालों को मुआवजा दिया जाएगा दूसरी बात जीके घर बहे है चाहे वो दो मंजिला पक्का मकान रहा हो उनको भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री योजना के तहत उनको आवास दिया जाएगा तत्काल ही दिया जाएगा और अगर उनके पास जमीन भी नहीं बची है तो अगर उस ग्रामसभा में राजस्व की जमीन नहीं बची है तो उनको दूसरी ग्रामसभा में विस्थापित किया जाएगा। अभी भी नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और जो बारिश आने वाली है, 15 सितम्बर तक का जो समय है उस में संभावना है कि और भी कटान हो सकती है। कटान को रोकने के लिए तत्काल व्यवस्था है कि बोरियों में बालू भरके उसको रोका जाता है। बाद में मुख्यमंत्री के आदेशानुसार कार्य होगा।