कैम्पा फंड का पैसा दूसरे कामों में खर्च करने वाले राज्यों का आवंटन रोका जायेगा : जावड़ेकर

नयी दिल्ली 17 अगस्त
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण कोष (कैम्पा) के लिए दिये जाने वाले पैसे को वृक्षारोपण से इतर काम में खर्च करने वाले राज्यों को भविष्य में इस कोष से होने वाला आवंटन रोका जा सकता है।

वन एवं पर्यावरण के संबंध में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सचिवों तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक में श्री जावडेकर ने कहा कि पहले राज्यों को पिछले पाँच साल में वनों के विकास के अपने बजट का हिसाब देना होगा उसके बाद ही आगे उन्हें और राशि जारी की जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्यों को कैम्पा कोष से मिलने वाली राशि का कम से कम 80 फीसदी शुद्ध रूप से वृक्षारोपण पर खर्च करना होगा।

केंद्र सरकार वृक्षारोपण के लिए कैम्पा कोष से राज्यों को हर साल एक निश्चित राशि जारी करती है। इसका उद्देश्य राज्यों में वृक्षारोपण अभियान चलाकर वन क्षेत्र बढ़ाना है। ऐसी खबरें आ रही हैं कई राज्य सरकारें इस राशि का उपयोग वन अधिकारियों के गाड़ी खरीदने, बैठकें करने आदि पर खर्च कर रही हैं।

श्री जावडेकर ने आज की बैठक में स्पष्ट तौर पर उन्हें आगाह करते हुये कहा “कैम्पा के पैसे आ गये तो राज्य इसी पैसे से गाड़ियाँ खरीद रहे हैं। हम यह देखेंगे कि वन का बजट (पिछले) पाँच साल में कितना बढ़ा है और उसके बिना कैम्पा का पैसा नहीं मिलेगा। कैम्पा का जो पैसा मिला है उसका 80 प्रतिशत सिर्फ वृक्षारोपण के लिए मिलेगा। शेष 20 प्रतिशत ही क्षमता विस्तार के लिए खर्च कर सकते हैं। यह पैसा इंफ्रास्ट्रक्चर पर बर्बाद नहीं किया जाना चाहिये।”

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा कि वित्त आयोग ने केंद्र से राज्यों को मिलने वाले हिस्से में वन का भारांश सात प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। इससे राज्यों को ज्यादा राशि उपलब्ध होगी। इसलिए उन्हें अपना वन का बजट बढ़ना चाहिये।

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