विकास दुबे के साथी उमाकांत ने किया सरेंडर

थाने पहुंचकर बोला- रहम करें

कानपुर। दुर्दांत विकास दुबे के साथ कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस की टीम पर हमला करने के आरोपितों को अब पुलिस एनकांउटर का डर सता रहा है। दो जुलाई की आधी रात के बाद भी इस घटना में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले का मुख्य आरोपित विकास दुबे दस जुलाई को एसएटीएफ के साथ एनकाउंटर में मारा गया जबकि अन्य पांच अन्य भी एनकाउंटर में मारे गए हैं। एसटीएफ के साथ पुलिस भी अन्य नामजद की तलाश में हैं। कानपुर में बिकरू कांड में नामजद उमाकांत शुक्ला ने चौबेपुर थाना में आज सरेंडर कर दिया। परिवार के साथ थाना पहुंचे उमाकांत शुक्ला ने गले में तख्ती लटकाई थी। जिसमें खुद के विकास दुबे का साथी होने और कानपुर कांड के बाद आत्मग्लानि की लिखी थी।
उमाकांत शुक्ला ने पुलिस से रहम की गुहार लगाते हुए कहा कि मैं सरेंडर करने आया हूं। उत्तर प्रदेश के बाद देश को भी चर्चा में लाने वाले कानपुर के बिकरू कांड का एक और आरोपी शनिवार को पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की जघन्य हत्या को अंजाम देने वाले विकास दुबे के शार्पशूटर उमाकांत शुक्ला ने चौबेपुर थाना पहुंचने के बाद वहां सरेंडर कर दिया। उमाकांत शुक्ला शनिवार को अपनी पत्नी और बेटी के साथ चौबेपुर थाने पहुंचा। कानपुर के बिकरू कांड में 50 हजार के इनामी उमाकांत शुक्ला ने करीब महीने भर से ज्यादा की फरारी काटने के बाद आखिरकार सरेंडर कर दिया। उसे एनकाउंटर का खौफ इस कदर था कि थाने आते वक्त उसने बीवी और बच्चों को भी साथ ले लिया। उमाकांत पर भी पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था। उमाकांत उन 21 वांछित लोगों में शुमार है, जिनकी पुलिस बिकरू हत्याकांड के बाद से तलाश कर रही थी। महीने भर से ज्यादा की फरारी काटने के बाद उमाकांत ने आखिरकार सरेंडर कर दिया। उमाकांत शुक्ला को भी आठ पुलिसकॢमयों की हत्या में नामजद किया गया है।

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