सुप्रीम कोर्ट पहुंची कुश्ती की दंगल, पहलवानों ने लगाया पुलिस पर बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज न करने का आरोप
नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी देने का आरोप लगाते हुए पहलवान विनेश फोगाट और अन्य ने दिल्ली पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष सोमवार को वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा ने ‘विशेष उल्लेख’ के दौरान यह मामला उठाया।
अधिवक्ता ने याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखते हुए पीठ से इस मामले पर शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई। पीठ ने याचिका के सूचीबद्ध नहीं होने की बात बताते हुए हुड्डा से इस मामले का मंगलवार को फिर से उल्लेख करने को कहा। याचिका के अनुसार, फोगाट और अन्य पहलवानों ने दिल्ली पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने में ‘अत्यधिक देरी’ का हवाला देते हुए बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करने का पुलिस को निर्देश देने की गुहार लगाई है।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए 23 जनवरी को खेल मंत्रालय ने मशहूर मुक्केबाज एम सी मैरी कॉम की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, लेकिन इसके निष्कर्ष अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। मैरी कॉम के अलावा समिति के अन्य सदस्यों में ओलंपिक पदक विजेता-पहलवान योगेश्वर दत्त, पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी और मिशन ओलंपिक सेल की सदस्य तृप्ति मुरगुंडे, टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम के पूर्व सीईओ राजेश राजगोपालन और भारतीय खेल प्राधिकरण के पूर्व कार्यकारी निदेशक (टीम) राधिका श्रीमन शामिल थे।
ओलंपियन पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और अन्य शीर्ष भारतीय पहलवानों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर एक बार फिर रविवार से डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ अपना विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश पत्रकारों से बात करते हुए रो पड़ीं। विनेश ने पहले आरोप लगाया था कि वह बृजभूषण शरण सिंह द्वारा मानसिक उत्पीड़न का शिकार हुई थीं और (दावा किया था) उन्होंने आत्महत्या के बारे में भी सोचा था।
उन्होंने कहा कि रविवार को एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने फिर पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हालांकि, कथित तौर पर कहा था, “हमें सात शिकायतें मिली हैं और फिलहाल उन सभी की जांच कर रहे हैं। ठोस सबूत मिलने के बाद हम प्राथमिकी दर्ज करेंगे। अपनी पूछताछ के दौरान, हमने पुलिस से एक रिपोर्ट मांगी है।”