यह है समुद्र का सरताज, प्रधानमंत्री ने नौसेना के नाम किया भारत में बना आईएनएस विक्रांत

कोच्चि। समुद्र में भारत की ताकत और बढ़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आईएनए विक्रांत नौसेना के हवाले कर दिया। स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत समुद्र में भारत की ताकत को दौगुना कर देगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने नौसेना के नए निशान का भी अनावरण किया। आईएनएस विक्रांत भारत में बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा युद्धपोत है और इसके निर्माण पर 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत आई है। यह भारतीय नौसेना के लिए देश में डिजाइन और निर्मित पहला विमानवाहक पोत भी है। इससे नौसेना के पास दो विमानवाहक पोत हो गए हैं और उसकी मारक क्षमता कई गुना बढ़ गई है। इस विमानवाहक पोत के निर्माण के साथ ही भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जो विमानवाहक पोत बनाने में सक्षम हैं। इस पोत में इस्तेमाल 76 प्रतिशत साजो सामान घरेलू कंपनियों द्वारा बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को नए नौसेना ध्वज (निशान) का अनावरण भी किया, जो औपनिवेशिक अतीत को पीछे छोड़ते हुए भारत की सामुद्रिक विरासत का प्रतीक बनेगा।नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (डब्ल्यूडीबी) द्वारा डिजाइन किया गया और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के शिपयार्ड मैसर्स कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) द्वारा निर्मित, स्वदेशी विमान वाहक का नाम उसके शानदार पूर्ववर्ती- भारत के पहले विमान वाहक युद्धपोत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
विक्रांत का अर्थ
विक्रांत का अर्थ है विजयी और वीर, प्रतिष्ठित। इसकी नींव यानी इसे बनाने की प्रक्रिया अप्रैल 2005 में पारंपरिक स्टील कटिंग के साथ मजबूती से रखी गई थी।
262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा विक्रांत लगभग 43000 टन की भारवाहक क्षमता वाला है, जो एक बार 7500 समुद्री मील की दूरी तय करने में सक्षम है। इसकी अधिकतम गति 28 समुद्री मील प्रति घंटा है। जहाज में लगभग 2200 कंपार्टमेंट हैं और इसमें 1600 नौसैनिकों को तैनात किया जा सकता है, जिसमें महिला अधिकारियों और नाविकों के लिए विशेष केबिन शामिल हैं। विमानवाहक पोत में नवीनतम चिकित्सा उपकरण सुविधाओं के साथ अत्याधुनिक मेडिकल परिसर है जिसमें मॉड्यूलर ऑपेरशन थिएटर, आपातकालीन मॉड्यूलर ऑपेरशन थिएटर, फिजियोथेरेपी क्लिनिक, आईसीयू, प्रयोगशालाएं, सीटी स्कैनर, एक्स-रे मशीन, डेंटल कॉम्प्लेक्स, आइसोलेशन वार्ड और टेलीमेडिसिन सुविधाएं आदि शामिल हैं। इस विमानवाहक पोत से स्वदेशी उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर (एएलएच) और हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) (नौसेना) के अलावा मिग-29 के लड़ाकू विमान, कामोव-31, एमएच-60आर बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टरों सहित 30 से अधिक विमानों का संचालन किया जा सकता है

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