गंगा समेत प्रदेश की 61 नदियों का जल होगा निर्मल, यह है यूपी सरकार की योजना
कानपुर: प्रदेश के अलग-अलग शहरों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना सरकार के लिए फायदेमंद जरूर रहा. लेकिन इन इकाइयों से निकलने वाली गंदगी ने नदियों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया. औद्योगिक इकाइयों की गंदगी के अलावा नदियों में गिरने वाला नालों का पानी, किनारों पर लाशों का जलना, ग्रामीणों की तरफ से नदियों में कूड़ा और गंदगी फेंके जाने से भी नदियां बुरी तरह से दूषित हो रही हैं. इसके चलते प्रदेश सरकार ने गंगा समेत 61 अन्य नदियों के जल को निर्मल करने का फैसला किया है. इसके लिए शासन की तरफ से भी ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया गया है.
गंगा को साफ करने में नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा समेत अन्य संस्थाओं की ओर से करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं. लेकिन अब आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर व सी गंगा के फाउंडर हेड प्रो. विनोद तारे की देख-रेख में कुल 61 नदियों को पूरी तरह साफ किया जाएगा. इस मामले में प्रो. विनोद तारे ने नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के महानिदेशक को पत्र भेजा था. इस क्रम में एनएमसीजी के डीजी ने प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर नदियों को साफ कराने का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है. इस पूरी कवायद में सी-गंगा के साथ आईआईटी बीएचयू, एनआईएच रूड़की व बीबीएयू लखनऊ के विशेषज्ञों की टीम भी साथ रहेगी.
रीजन के अनुसार नदियों की सौंपी गई जिम्मेदारी
प्रो. विनोद तारे ने बताया कि गंगा समेत अन्य नदियों की सफाई का काम जल्द शुरू हो जाएगा. इनमें कई नदियां ऐसी हैं, जो अपना अस्तित्व ही खो चुकी हैं. उन्हें पुर्नजीवित किया जाएगा. सी-गंगा की ओर से आईआईटी बीएचयू समेत अन्य संस्थाओं को रीजन के अनुसार नदियों की जिम्मेदारी दी गई है. उन्होंने कहा कि नदियों की सफाई के दौरान जो तकनीकी खामियां सामने आएंगी, उन्हें वह खुद और उनकी टीम के सदस्य दूर करेंगे. सभी नदियों के साथ वह कितने किलोमीटर में बहती हैं, यह डाटा भी तैयार कर लिया गया है.
आईआईटी बीएचयू के पास मंदाकिनी, गरहारा, चंद्रावल, रिंद, गुंची, सिहू, श्याम, अर्जुन, वरुणा, गंता व पटहरी नदिया होंगी. बीबीएयू लखनऊ के पास बेहटा, कुकरैल, कल्याण, टेढ़ी, राप्ती, बुद्धिराप्ती, सरयू, भैंसी व रोहिणी होंगी. इसके अलावा एनआईएच रुड़की के पास कृष्णि, मैलिन व धारा नदियां होंगी. इसके साथ ही आईआईटी कानपुर के पास सोत, हिंडन, महावा, अरिल, कटना, देओरा-गारा, धोरा, बहगुल, गनगन, धेला, गोवर्धन, काली ईस्ट, काली, निम, नून व ककवन नदियां होंगी.