बेहमई कांड मामले की 27 अप्रैल को सुनवाई, फूलनदेवी समेत सभी आरोपी और पीड़ित दुनिया को कह चुके हैं अलविदा

कानपुर देहात: यूपी के जनपद कानपुर देहात के न्यायालय में देश के बहुचर्चित बेहमई नरसंहार कांड मामले की सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट सुधाकर राय की अदालत में चल रही है. वहीं, सोमवार को मामले में बहस होनी थी, लेकिन अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य बहिष्कार के चलते सुनवाई नहीं हो सकी. ऐसे में कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अब 27 अप्रैल की तारीख तय की है. बताते चले कि देश के सबसे बड़े नरसंहार फूलन देवी कांड की सुनाई के 41 साल पूरे होने को है और आरोपी सहित पीड़ित (वादी) सभी अब इस दुनिया को अविदा कह चुके हैं. ऐसे में अब इस मामले को सरकार लड़ रही है.

वहीं, जनपद कानपुर देहात की माती न्यायालय में देश के बहुचर्चित बेहमई कांड मामले की सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट सुधाकर राय की अदालत में चल रही है और सोमवार को बचाव पक्ष को बहस करनी थी. जिसको लेकर सोमवार को तय समय पर पुकार भी हुई. लेकिन अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते कोर्ट में वकील हाजिर नहीं हुए. ऐसे में कोर्ट ने बचाव पक्ष की बहस के लिए सुनवाई की तारीख 27 अप्रैल मुकर्रर कर दी है. जिसके बाद अब बेहमाई कांड की सुनवाई 27 अप्रैल को होनी तय है.

गौर हो कि जनपद कानपुर देहात के राजपुर थाना अंतर्गत बेहमई गांव में 14 फरवरी, 1981 को पूर्व दस्यु सुंदरी फूलन देवी ने अपने डाकू साथियों के साथ डकैत मुस्तकीम, रामप्रकाश और लल्लू गैंग के तकरीबन 36 लोगों को बेहमई गांव को घेर लिया था और उसके बाद गांव के घरों से लूटपाट की थी. वहीं, 26 ठाकुरों को एक लाइन में खड़ा करके फूलन देवी ने सभी के ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी. जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई थी. इधर, शेष घायल हो गए थे. इसके बाद फूलन देवी अपने गैंग के साथ फरार हो गई थी और ये नरसंहार देश के सबसे बड़े नरसंहार के रूप में जाना गया.

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