स्वदेशी युद्धपोत आइएनएस विशाखापत्तनम भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल ,जानें क्या है इसकी खाशियत
स्वदेशी युद्धपोत आइएनएस विशाखापत्तनम आज भारतीय नौसेना में शामिल हो जाएगा। मुंबई डाकयार्ड में आयोजित समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह युद्धपोत को भारतीय नौसेना को सौपेंगे। आइएनएस विशाखापत्तनम मिसाइलों और पनडुब्बी रोधी राकेटों से लैस है।
पश्चिमी नौसेना कमान में होने वाले समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शीर्ष नौसैनिक कमांडर शामिल होंगे। आइएनएस विशाखापत्तनम सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और घातक हथियारों तथा सेंसर से लैस है। आइएनएस विशाखापत्तनम का निर्माण स्वदेशी स्टील डीएमआर 249ए का उपयोग करके किया गया है। इसकी कुल लंबाई 163 मिटर है और यह भारत में निर्मित सबसे बड़े विध्वंसक में से एक है।
She is vigilant,
She is valiant,
She shall always be victorious!India’s first indigenous P15 Bravo destroyer ‘Visakhapatnam’ ready for commissioning.
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh to attend the ceremony in Mumbai today. @indiannavy pic.twitter.com/p19NXxy6ua
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) November 21, 2021
अधिकारियों ने कहा कि यह 35,000 करोड़ रुपये की परियोजना 15बी का पहला विध्वंसक है। इस परियोजना के तहत कुल चार युद्धपोत बनाए जा रहे हैं। आइएनएस विशाखापत्तनम को भारत में बने सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है। मझगांव डाकयार्ड लिमिटेड द्वारा इसे बनाया गया है। यह गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रायर है।
आपको बता दें कि इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 75 प्रतिशत स्वदेशी उपकरणों से तैयार किया गया है। वहीं, 28 नवंबर को कलवरी क्लास की चौथी पनडुब्बी वेला भी नौसेना में शामिल कर ली जाएगी। इस दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह मुख्य अतिथि होंगे।