फर्जी बोर्ड प्रस्ताव के आधार पर कंपनी के नेट बैंकिंग 13.65 करोड़ की ठगी को दिया अंजाम
आर्थिक अपराध शाखा ने 13.65 करोड़ रुपये गबन करने के आरोप में एक कंपनी के सहायक प्रबंधक (लेखा) को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने फर्जी बोर्ड प्रस्ताव के आधार पर कंपनी के नेट बैंकिंग की सुविधा ले ली और वास्तविक विक्रेताओं से मिलते-जुलते वेंडरों के नाम पर फर्जी खाते खोलकर ठगी की। गबन की राशि को आरोपी ने सैलून और रिहायशी मकानों में लगाया। पुलिस ने उसके ग्रेटर नोएडा के दो फ्लैट और दो दुकानों के दस्तावेज के अलावा हुंडई क्रेटा और मारुति सियाज कार जब्त की है।
शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आर के सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान श्रेष्ठ विहार निवासी शुभम सक्सेना(33) के रूप में हुई है। वर्ष 2021 को एल्डेको ग्रुप ऑफ कंपनी ने अपने सहायक प्रबंधक (लेखा) शुभम सक्सेना पर कंपनी के करोड़ों रुपयों के गबन की शिकायत की। इसमें बताया कि आरोपी ने फर्जी फर्मों के खातों के माध्यम से पैसों को व्यक्तिगत खाते में ट्रांसफर किया।
कंपनी ने बताया कि धोखाधड़ी का पता अगस्त में चला जब एक फर्म को दो बार भुगतान हो गया है। गड़बड़ी को देखते हुए कंपनी ने आंतरिक जांच करवाई। इसमें पता चला कि शुभम सक्सेना ने कंपनी के वास्तविक विक्रेता कंपनियों के नाम से मिलते जुलते कंपनियों के नाम से फर्जी खाता खोला और उनमें पैसे ट्रांसफर कर दिए। फर्जी बोर्ड प्रस्ताव के आधार पर आरोपी ने कंपनी की इंटरनेट बैंकिंग सुविधा हासिल कर ली।
जांच के दौरान पुलिस ने शिकायतकर्ता कंपनी के साथ साथ अन्य कंपनियों के बैंक खातों की जांच की। इस दौरान पता चला कि 13.65 करोड़ रुपये इंटरनेट बैंकिंग के जरिए ट्रांसफर किए गए हैं, जो आरोपी के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर रजिस्टर है। आरोपी के बारे में जानकारी हासिल करने पर पता चला कि वह वर्ष 2009 से कंपनी के लेखा विभाग में कार्यरत था। वर्तमान में वह सहायक प्रबंधक(लेखा) के पद पर कार्यरत था।