फर्जीवाड़ा: गीडा के नाम हो गई एक एकड़ जमीन

जिसकी जमीन उसे पता ही नहीं, मामला सामने आने के बाद विभाग में मच गया हड़कंप

गोरखपुर । गोरखपुर के सहजनवां तहसील के भीटी रावत निवासी अमर यादव के तीन बेटे कोदई, पुरई और रामगति उर्फ ​​गंवार हैं। अमर की मौत के बाद उनके नाम दर्ज तीन एकड़ जमीन तीनों पुत्रों के नाम कर दी गई। गीडा की तरफ से भीटी रावत में लॉकडाउन से पहले किसानों से अधिग्रहित जमीनों की रजिस्ट्री कराई गई थी। बीते एक जून को खतौनी में ऑफ़लाइन गीडा का नाम दर्ज हो गया। मंगलवार को गीडा कार्यालय पहुंचे रामगति ने सीईओ गीडा को पत्र देकर अपनी जमीन न बेचने का दावा किया। उन्होंने बताया कि जमीन के एवज विभाग से दिए गए रुपये भी उन्हें नहीं मिले हैं। इस दौरान विभाग में मौजूद रजिस्ट्री के अभिलेख जांचे गए। रामगति ने बताया कि अभिलेखों में लगे हुए फोटो भी उनके नहीं हैं। रामगति को बुधवार को जांच के लिए कार्यालय बुलाया गया है। रामगति यादव पढ़े-लिखे नहीं हैं। भाई कोदई और पुरई के खाते में गीडा की तरफ से दी गई मुआवजा राशि पहुंच गई। इसकी भानक रिश्तेदारों को लिया गया, तो वह रामगति से भी मुआवजे को लेकर हस्तक्षेप करने में लगे हुए हैं। रामगति ने जमीन की रजिस्ट्री से इन्कार किया, तो रिश्तेदारों ने 660 खतौनी निकाली। उसमें गीडा का नाम दर्ज मिला।
होगी जांच:
सहजनवां के तहसीलदार लालजी विश्वकर्मा ने कहा कि शिकायत आती है, तो जांच कराई जाएगी। उपनिबंधक कार्यालय से मिले प्रमाणित बैनामा के आधार पर ही खतौनी में नाम दर्ज किया गया है।

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