अगर सही तरीके से लिए गए फैसले गलत हो जाते हैं,तो बैंक अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी
सरकार ने ईमानदार बैंककर्मियों को मानसिक प्रताड़ना और अन्य दिक्कतों से बचाने के लिए स्टाफ अकाउंटेबिलिटी फ्रेमवर्क यानी कर्मचारी उत्तरदायित्व ढांचा पेश किया है। इसके तहत वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि बैंककर्मियों द्वारा सही उद्देश्य और तरीके से लिए गए 50 करोड़ रुपये तक के कर्ज फैसले अगर गलत हो जाते हैं, तो उन पर कार्रवाई नहीं की जाएगी।
हालांकि मंत्रालय द्वारा जारी नियमों के अनुसार इसके दायरे में केवल सही तरीके से लिए जाने वाले फैसले ही आएंगे। इन दिशानिर्देशों को अगले वित्त वर्ष से एनपीए में बदलने वाले खातों के लिए पहली अप्रैल, 2022 से लागू किया जाएगा।इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आइबीए) ने एक बयान में कहा कि वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने 29 अक्टूबर को एक आदेश जारी किया है। इसमें सभी सरकारी बैंकों द्वारा 50 करोड़ रुपये तक के एनपीए खातों के लिए कर्मचारी उत्तरदायित्व ढांचे पर व्यापक दिशा-निर्देशों को अपनाने की सलाह दी गई है। इनमें धोखाधड़ी के मामले शामिल नहीं किए जाएंगे।
वित्त सेवा विभाग ने नए नियमों के तहत बैंकों के व्यवसाय के आकार के आधार पर मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) की ओर से जवाबदेही की जांच के लिए थ्रेसहोल्ड लिमिट की सलाह दी है। आईबीए ने कहा कि मूल्यांकन, मंजूरी या निगरानी में अधिकारियों के पिछले ट्रैक रिकार्ड को भी अहमियत दी जाएगी। इस समय विभिन्न बैंक स्टाफ जवाबदेही काम करने के लिए अलग-अलग प्रक्रियाओं का पालन कर रहे हैं। साथ ही एनपीए बनने वाले सभी खातों के संबंध में कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जा रही है।