तेज हवा और बारिश से धान की खेती को नुकसान,बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ाई 

रविवार को हुई बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। धान के खेतों पानी भरने से उनके सड़ने की संभावना बढ़ गई है। कृषि विशेषज्ञ व बख्शी का तालाब के चंद्रभानु गुप्ता कृषि महाविद्यालय के सह आचार्य डा. सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि तेज हवाओं से धान की पकी फसल गिर गई जिससे अधिक नुकसान होने की संभावना है। बख्शी का तालाब के भौली गांव में तो धान की कटाई हो गई और पानी भरने से अब धान पीटने में दिक्कत होगी। ऐसे ही निरंतर बारिश होती रही तो और धूप नहीं निकलती है तो धान मे 60 से 70 प्रतिशत तक नुकसान होने की संभावना होगी। इसके अलावा सफेद तिल व उड़द की फसल प्रभावित हुई है।

क्षेत्र के करीमनगर, अरिगवां, दरौना, इंदारा, कुम्हरावां,नरोसा, रेवामऊ,महिगवां के किसानों की कटी फसल खेतों में पड़ी थी और पानी भरने से नुकसान की संभावना है। उप कृषि निदेशक डा.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि मौसम विभाग ने एक दो दिन के बाद मौसम ठीक होने की संभावना जताई है। पानी भरे खेतों से किसान सूखे स्थान पर कटे धान को रखे दें। जहां कटाई नहीं हुई है, वहां जल निकासी की व्यवस्था करें जिससे पानी निकल जाए।

टमाटर-प्याज की नर्सरी प्रभावितः चंद्रभानु गुप्त कृषि महाविद्यालय के अवैतनिक फार्म प्रभारी अरुण कुमार सिंह ने बताया ने बताया कि जिन किसान भाइयों ने प्याज और टमाटर की नर्सरी डाल रखी है उसको अच्छी तरह से पालिथीन से ऊंचा आधार बनाकर ढक दें। प्रमुख रूप से पपीता किसानों को सलाह दी जाती है कि हर स्थिति में खेत से जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। जिन किसानों ने धनिया,पालक, मेथी तथा सोया की बुवाई की है जल निकास का अच्छा प्रबंध करें।

सरसों,आलू एवं मटर के किसान 25 अक्टूबर तक अपनी फसल की बिजाई का कार्य करते हैं उनके लिए या बरसात लाभदायक होगी। टिकरी गांव के प्रगतिशील कुलदीप सिंह,शिव कुमार सिंह, हवलदार सिंह रामप्रकाश यादव व रामेश्वर प्रसाद का पका धान खेतों में गिर गया है। चंद्रभानु गुप्त कृषि महाविद्यालय के निदेशक डा वाईके शर्मा एवं प्राचार्य गजेंद्र सिंह ने बताया कि तेज बरसात से धान किसानों का नुकसान होगा जिससे आमजन के ऊपर भी प्रभाव पड़ेगा सब्जियां महंगी होंगी । किसानों को जल निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए।

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