प्याज का कम होता भाव भी किसानों के लिए बना परेशानी का सबब
लखनऊ। आलू ही नहीं इस वर्ष प्याज के घटते रेट ने भी किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। सब्जियों में यही दो सब्जियां हैं, जिनके भाव पर ज्यादा किसानों की उम्मीदें बंधी रहती हैं, लेकिन इस वर्ष दोनों बाजार में उम्मीद से कम भाव में बिक रहे हैं। किसानों का कहना है कि प्याज ने भी आंसू बहाने को मजबूर कर दिया है।
यदि बाजार भाव पर गौर करें तो पिछले वर्ष जहां इस माह का औसत मूल्य 1200 रुपये प्रति क्वींटल था। वहीं इस वर्ष अब तक 1000 रुपये है। अभी 14 मार्च से प्रदेश में प्याज के थोक बिक्री के मूल्य देखें तो कानपुर में इस वर्ष 1450 रुपये रहा, जबकि इसी तिथि को पिछले वर्ष थोक भाव में 1950 रुपये बिका है। वहीं झांसी में 925 रुपये रहा, जबकि पिछले वर्ष 1485 रुपये था। ललितपुर में 1030 रुपये रहा, जबकि पिछले वर्ष 1560 रुपये था। फरुखाबाद में 1180 रुपये बिका, जबकि पिछले वर्ष इसी तिथि को 2450 रुपये बिका था। कन्नौज में 1220 रुपये रहा, वहीं पिछले वर्ष 2300 रुपये बिका था।
उन्नाव में 1110 रुपये रहा, वहीं पिछले वर्ष 2400 रुपये बिका था। रायबरेली में 1000 रुपये रहा, वहीं पिछले वर्ष इसी तिथि को 2075 रुपये बिका था। मेरठ मंडल में मेरठ में इस वर्ष 1100 रुपये रहा, वहीं पिछले वर्ष 2025 रुपये रहा। बुलंदशहर में इस वर्ष 14 मार्च की तिथि में 1100 रुपये बिका, वहीं पिछले वर्ष 1950 रुपये बिका, गाजियाबाद में इस वर्ष 1100 रुपये बिका, वहीं पिछले वर्ष इसी तिथि को 2350 रुपये बिका था। वहीं महाराजगंज मंडी में इस वर्ष 1055 रुपये बिका, जबकि पिछले वर्ष 2150 रुपये किलो बिका था। गोरखपुर में इस वर्ष 1075 रुपये और पिछले वर्ष 2000 रुपये बिका था। आजमगढ़ में इस वर्ष 1125 रुपये, पिछले वर्ष 2125 रुपये बिका था। बस्ती में 1090 रुपये और पिछले वर्ष 2475 रुपये बिका था। वहीं सहजनवां में इस वर्ष 1040 रुपये और पिछले वर्ष 2450 रुपये इसी तिथि को बिका था।
प्याज के भाव के संबंध में गाजीपुर जिले के किसान जगत राय का कहना है कि अभी तो हम लोगों की तरफ प्याज की खुदाई भी नहीं शुरू हुई है। यदि ऐसे ही प्याज के भाव गिरते रहे तो लागत भी नहीं आ पाएगी।