जिंदगी कभी नहीं रुकती कल एक नया दिन आएगा: दिव्या दत्ता
‘मुझे लास्ट मिनट पर कई फिल्मों से निकाला गया, बहुत बेबस महसूस होता था'
नई दिल्ली। नेपोटिज़्म, इनसाइडर बनाम आउटसाइडर को लेकर इन दिनों फिल्म इंडस्ट्री में काफी बहस छिड़ी हुई है। इस बहस में अब तक कई सेलेब्स अपना-अपना बयान दे चुके हैं। किसी ने इंडस्ट्री में अपने साथ हुए भेदभाव के बारे में खुलकर बात की है तो किसी ने नेपोटिज़्म पर डिबेट को वेस्ट ऑफ टाइम बताया है।एक्ट्रेस दिव्या दत्ता ने अपने बारे में खुलासा कि है। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में एक्ट्रेस ने बताया कि उनके साथ भी ऐसा की बार हो चुका है जब लास्ट मूमेंट पर उन्हें फिल्म से निकाल दिया गया था। दिव्या ने बताया, ‘ये बहुत बड़ा नुकसान महसूस होता है, जब किसी प्रोजेक्ट में आना और फिर रिजेक्ट हो जाना। कभी-कभी तो फोन पर ही बोल दिया जाता है कि आपकी जगह किसी और को ले लिया गया है। मुझे लास्ट मिनट पर कई फिल्मों से निकाला गया, तब आपको बहुत बुरा लगता है। आप बहुत बेबस महसूस करते हैं क्योकि आपको पता होता है कि आप उस रोल के लिए सही थे, आप वो रोल अच्छे से निभा सकते थे। लेकिन मैंने क्या देखा कि मेरा परिवार बहुत स्ट्रॉन्ग है। मेरी मां मुझसे पूछा करती थीं कि मैं अपसेट क्यों हूं , मैं बताती थी कि मुझे फिल्म से निकाल दिया गया पता नहीं क्यों?तो मां कहती थीं, ‘इससे क्या तुम्हारी ज़िंदगी रुक जाएगी?’।