पुलिसकर्मियों के इंटरनेट पर जांच संबंधी खबरें साझा करने के लिए नियम बनाने की मांग

किसी भी मामले में आपराधिक जांच से जुड़ी जानकारियों को पुलिस अधिकारी द्वारा इंटरनेट के मंच पर शेयर करने मामले पर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर अब सुनवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) शुक्रवार को उस याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया। दरअसल याचिका में पुलिस अधिकारियों द्वारा अपने निजी और प्रोफेशनल इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर किसी आपराधिक जांच से संबंधित खबर डालने या प्रसारित करने के लिए नियम या गाइडलाइन बनाने के केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है।

 केंद्र सरकार व अन्य को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस 

जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। याचिका में अंडमान एवं निकोबार द्वीप पर एक महिला की मौत के संबंध में आइपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत दर्ज मामले की जांच सीबीआइ दिल्ली को स्थानांतरित करने की मांग भी की गई है।

30 जुलाई को आत्महत्या से जुड़े एक वीडियो का है मामला

याचिका के मुताबिक उक्त महिला ने 30 जुलाई को आत्महत्या करने से पहले एक वीडियो रिकार्ड किया था और उसमें अपनी आपबीती बताई थी। इस वीडियो में उसने एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी समेत कुछ लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था। दिल्ली के एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि ऐसा बयान मृत्यु पूर्व का बयान होता जिसे साक्ष्य माना जाता है। इसके बावजूद पुलिस ने आज तक वीडियो में नामित व्यक्तियों के खिलाफ जांच शुरू नहीं की है।

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