सुधा चंद्रन के साथ चेकइन के दौरान एयरपोर्ट अथॉरिटी ने किया ऐसा सलूक,एक्ट्रेस ने पीएम मोदी से लगाई गुहार
बॉलीवुड और टेलीविजन जगत की दिग्गज एक्ट्रेस और मशहूर डांसर सुधा चंद्रन इन दिनों अपने एक वीडियो को लेकर चर्चा में आ गई हैं। सुधा चंद्रन हाल ही में एयरपोर्ट पर गई थीं, जहां पर उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। ऐसे में सुधा ने अपनी परेशानियों को लेकर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो के जरिए सुधा ने पीएम नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है कि वो सीनियर सिटिजन के लिए एक कार्ड जारीं करें। जिससे कि हवाई यात्रा के दौरान चैक इन करते समय उन्हें परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
दरअसल सुधा चंद्रन जब भी अपने काम या किसी शो के लिए बाहर जाती हैं तो एयरपोर्ट पर उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सुधा का कई सालों पहले एक्सीडेंट हो गया था। जिसके बाद उनका एक पैर काटना पड़ा था। जिसकी वजह से सुधा अब आर्टिफिशियल लिंब के जरिए चलती हैं और डांस भी करती हैं। ऐसे में सुधा जब भी एयरपोर्ट काम के सिलसिले में जाती हैं। तो एयरपोर्ट पर चेकिंग के दौरा उनका आर्टिफिशियल लिंब निकलवाया जाता है। इससे सुदा बेहद नाराज हैं और उन्होंने पीएम मोदी से गुहार लगाई है।
सुधा चंद्रन ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए अपना एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में सुधा कहती नजर आ रही हैं, ‘गुड ईवनिंग, मैं जो कहने जा रही हूं, यह बेहद ही व्यक्तिगत नोट है। मैं अपनी यह बात अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से कहना चाहती हूं। मेरी यह अपील राज्य और केंद्र सरकार दोनों से है। मैं सुधा चंद्रन हूं, प्रोफेशनल डांसर और एक्ट्रेस हूं। मैंने आर्टिफिशियल लिंब के सहारे डांस किया और इतिहास रचा और मेरे देश को मुझ पर बहुत गर्व है।’
View this post on Instagram
आगे सुधा कहती हैं, ‘लेकिन हर बार जब मैं हवाई यात्राओं पर जाती हूं तो हर बार एयरपोर्ट पर मुझे रोक दिया जाता है और जब मैं सुरक्षा में उनसे सीआईएसएफ अधिकारियों से अनुरोध करती हूं कि कृपया मेरे कृत्रिम अंग के लिए एक ईटीडी (विस्फोटक ट्रेस डिटेक्टर) का उपयोग करें, तब भी वह यही चाहते हैं कि मैं अपने कृत्रिम अंग को हटा दूं और उन्हें दिखाऊं। क्या यह मानवीय रूप से संभव है मोदी जी? क्या यही हमारा देश है? क्या यही वह सम्मान है जो एक महिला हमारे समाज में दूसरी महिला को देती है? मोदी जी से मेरा विनम्र अनुरोध है कि कृपया वरिष्ठ नागरिकों को एक कार्ड दें, जिसमें लिखा हो कि वे वरिष्ठ नागरिक हैं।’