कोरोना से अर्थव्यवस्था को 30 हजार करोड़ रुपये की चपत: सीएम जयराम ठाकुर

इस संकट में सरकार का खर्च लगभग 737 करोड़ रुपये बढ़ा है

धर्मशाला! मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अनलॉक एक की शुरुआत से सूबे की अर्थव्यवस्था को नहीं खोलते तो कोरोना महामारी से अधिक लोग आर्थिक व्यवस्था के पटरी से उतरने से मरते। कोरोना संकट से निपटने में नाकाम रहने के विपक्ष के तमाम आरोपों का उन्होंने सिलसिलेवार जवाब दिया है। शनिवार सुबह परिधि गृह में पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कोरोना संकट से सूबे की अर्थव्यवस्था को पहुंचे नुकसान के विस्तृत आंकड़े प्रस्तुत किए।कहा कि अर्थव्यवस्था के प्रत्येक सेक्टर को अब तक कुल मिलाकर 30 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सरकारी राजस्व को करीब 1300 करोड़ की हानि हुई है। इस संकट में सरकार का खर्च लगभग 737 करोड़ रुपये बढ़ा है। केंद्र ने राजस्व घाटे की ग्रांट के 950 करोड़ रुपये में कोई कटौती नहीं की है। इसके लिए हम केंद्र सरकार के शुक्रगुजार हैं। यह सूबे के लिए बड़ी राहत है। केंद्रीय करों में सूबे का 300 करोड़ रुपये का हिस्सा भी मिला है। भारी आर्थिक चपत के बावजूद हमने कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में कोई कमी नहीं की है। हिमाचल में कोरोना का रिकवरी रेट 65 फीसदी है, जोकि देश के 68 फीसदी रिकवरी रेट के आसपास है। हिमाचल में डेथ रेट 0.4 फीसदी है, जो देश के डेथ रेट 2.05 फीसदी से काफी कम है। कोरोना मामलों का डबलिंग रेट देश में अभी 33 दिन है, जो हिमाचल में 36 दिन है। अनलॉक तीन में सार्वजनिक परिवहन में ऑक्यूपेंसी 40 फीसदी तक हुई है। सूबे में अब जिंदगी चलने लगी है।

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