आधा दर्जन से अधिक भर्ती मरीजों का इलाज झोलाछाप कर रहे, सीएमओ ने दिए जांच के आदेश
बगैर एमबीबीएस संचालित हो रहा है आर एल हॉस्पिटल
फर्रुखाबाद ब्यूरो(मनोज कुमार)! योगी सरकार के मंसूबों पर पानी फेरकर स्वास्थ्य विभाग अपनी मनमानी करने पर उतारू है मसेनी चैराहा स्थित एक अस्पताल बगैर एमबीबीएस चिकित्सक के संचालित हो रहा है वर्तमान में आधा दर्जन से अधिक भर्ती मरीजों का इलाज झोलाछाप कर रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी मोटी रकम डकारने के बाद शिकवा शिकायतों को नजरअंदाज करते रहते हैं उधर जिलाधिकारी श्री मानवेंद्र सिंह के ओएसडी ने बताया कि यह मामला मुख्य चिकित्साधिकारी स्तर का है वही इस मामले में कार्रवाई करेंगे
मसेनी चैराहे के इर्द गिर्द प्राइवेट अस्पतालों का कमोवेश जाल बिछा हुआ है यहां पर करीब एक दर्जन नर्सिग होम संचालित हैं मानक पूरे न होने पर भी सीएमओ ने अस्पताल संचालन का लाइसेंस जारी कर रखा है नियमानुसार अस्पताल में चैबीस घंटे एमबीबीएस चिकित्सक रहने चाहिए अमूमन देखा गया है कि एमबीबीएस चिकित्सक कई अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर चिकित्सीय कागजात उपलब्ध करा देते हैं। इसके एवज में 50 से 80 हजार रुपए माहवार तनख्वाह के रुप में वसूलते हैं कोई भी एमबीबीएस चिकित्सक परमानेंट अस्पताल में नहीं बैठता है झोलाछाप संचालक ही अधिक रकम पैदा करने के चक्कर में मरीजों को देखकर उनका उपचार कर रहे हैं मरीज मर जाए या जिंदा रहे अस्पताल संचालक पैसा ऐंठने के सिवाय और कुछ नहीं कर रहे हैं
समय-समय पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इस बारे में अवगत कराया गया लेकिन शिकवा शिकायतों को वे नजरअंदाज करते रहते हैं मसेनी चैराहे के निकट आर एल हास्पीटल संचालित है इसमें कोई भी परमानेंट एमबीबीएस नहीं बैठ रहा है झोलाछाप चिकित्सक के हवाले यह अस्पताल चल रहा है झोलाछाप मरीजों के जीवन से खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं सोमवार को एक संदेश की टीम ने गुप्त ढंग से पड़ताल की तो अस्पताल में आधे दर्जन से अधिक मरीज भर्ती दिखाई दिए मगर उनकी चिकित्सक झोलाछाप चिकित्सक के हवाले जान दिखाई दी उधर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से उनके सीयूजी मोबाइल पर बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि वह आज छुट्टी पर हैं