किसी पार्टी तक सीमित नहीं थे अमर सिंह के रिश्ते

आजमगढ़ से था खास लगाव

आजमगढ़। कहा जाता है कि कुछ लोग रहें ना रहें लेकिन उनका काम नाम को अमर कर देता है। ऐसे ही लोगों में रहे अमर सिंह। आज भले ही वह हमारे बीच नहीं हैं लेकिन आजमगढ़ के लिए उन्होंने जो कुछ भी किया उसे भुलाया नहीं जा सकता। अमर सिंह ने आजमगढ़ की पहचान विदेशों में भी कायम की थी। सपा से जुडऩे के बाद तमाम उतार-चढ़ाव आए लेकिन उन्होंने मुलायम सिंह को हमेशा बड़े भाई की संज्ञा दी। बात जब अखिलेश की आई तो उन्हें भतीजा बताया। नेताजी मुलायम सिंह के परिवार से जुड़े अमर सिंह ने पार्टी छोडऩे के बाद भी नेताजी का विरोध नहीं किया। भले ही उनके संबंध किसी और संगठन से हो गए हों। उन्हें राजनीति का चाणक्य भी कहा जाने लगा था जब कांग्रेस की सरकार बचाने के लिए आगे आए थे। उनके राजनीतिक नजरिए की भी लोग दाद देने लगे जब उन्होंने कहा कि अगला लोकसभा चुनाव पीएम मोदी और राहुल गांधी के बीच होगा। राज्यसभा सांसद अमर सिंह के निधन से राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर है। जिसने भी उनके निधन की खबर सुनी वह स्तब्ध रह गया। खास बात यह कि करीब डेढ़ साल पहले अमर सिंह अपनी पैतृक संपत्ति राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम करने के लिए आजमगढ़ पहुंचे थे।

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