तीन तलाक से महिलाओं नहीं पुरुषों को लग रहा डर-मुस्लिम महिलाएं

वाराणसी। तीन तलाक कानून पास हुए एक वर्ष पूरा होने पर केंद्र की मोदी सरकार को मुस्लिम समाज की महिलाओं द्वारा शुक्रिया कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को गुलाब बाग स्थित भाजपा क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित किया गया। दिल्ली से हो रहे ऑनलाइन संवाद में यूपी से नोएडा व वाराणसी की मुस्लिम महिलाएं शामिल हुईं। इसमें केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद, अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मुस्लिम महिलाओं से बातचीत की। मुख्तार अब्बास नकवी व स्मृति ईरानी ने वाराणसी की नई सड़क निवासी सदब आलम से पूछा कि तीन तलाक कानून से मुस्लिम महिलाओं में किस हद तक आत्मविश्वास बढ़ा है। समाज में कैसा बदलाव आया है। इस पर सदब आलम ने सबसे पहले संवाद में शामिल तीनों केंद्रीय मंत्रियों का शुक्रिया अदा किया। कहा, यह कानून मुस्लिम महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। जिस तीन तलाक से पूरा परिवार बिखर जाता था, उसका सिलसिला अब थम गया है। मुस्लिम पुरुष जहां, रोटी या चावल नहीं बनने, दाल में नमक कम होने जैसी छोटी-छोटी बातों को लेकर गुस्से में तीन बार तलाक बोलने में नहीं हिचकते थे, अब यह शब्द जुबां पर लाने में भी डरते हैं। इस कानून से मुस्लिम महिलाओं के अंदर आत्मबल इतना बढ़ गया है कि तलाक का नाम सुनते ही डायल 112 पर उंगलियां घूम जाती हैं। हुस्ना बानो ने भी शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि जो किसी सरकार ने नहीं किया, वह कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम महिलाओं के लिए कर दिखाया। पीढिय़ों से जिस जिल्लत को मुस्लिम समाज की महिलाएं झेल रहीं थीं, उसे बयां करने में भी तकलीफ होती है। अब हम जैसी महिलाओं को तीन तलाक के अल्फाज से डर नहीं लगता। पीएम मोदी ने हमें वह ताकत दी है जिससे हम पुरुषों के इस बेहूदे व्यवहार का माकूल जवाब दे सकते हैं। नसीम बानो ने कहा कि उम्र गुजर गई तीन तलाक की वजह से परिवार को बिखर जाता देखते हुए लेकिन जब से कानून बना है तब से मुस्लिम समाज में बदलाव आया है। आने वाली पीढिय़ां मुकम्मल तौर पर बदली हुई नजर आएंगी। समाज व देश का विकास होगा। संवाद कार्यक्रम में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हैदर अब्बास चांद, नूर बेगम, आबिदा बेगम, नेहा खानम, अर्शी नाज बेगम आदि मौजूद थीं।

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