हिमाचल की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी का दौर जारी, शिमला में छाए बादल
शिमला। हिमाचल प्रदेश के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर रूक-रूक कर जारी है। लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू और चंबा जिला की ऊंची चोटियों पर पिछले दो दिनों से बर्फ गिर रही है। कांगडा जिला की धौलाधार की पहाड़ियों पर भी हल्का हिमपात हुआ है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक गुरूवार सुबह तक किन्नौर जिला के कल्पा में 1.6 और कुकुमसेरी में 0.6 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई है। केलांग और कुफरी में भी हल्की बर्फबारी हुई है। राजधानी शिमला में आसमान बादलों से घिरा हुआ है। राज्य के मैदानी भागों में भी मौसम खराब है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी से प्रदेश में ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है और मार्च महीने में भी लोग गर्म कपड़ों से लिपटे नजर आ रहे हैं।
लाहौल-स्पीति जिला का मुख्यालय केलांग राज्य में सबसे ठंडा स्थल बना हुआ है, जहां गुरूवार की सुबह न्यूनतम तापमान -2.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा किन्नौर जिला के कल्पा में न्यूनतम तापमान -0.5 डिग्री, कुकुमसेरी में 0.5 डिग्री, नारकंडा में 1.6 डिग्री, रिकांगपिओ में 2.1 डिग्री, मनाली में 2.8 डिग्री सेल्सिसय रिकार्ड हुआ है। अन्य प्रमुख शहरों के तापमान पर नजर डालें, तो शिमला में 8.8 डिग्री, सुंदरनगर में 10 डिग्री, भुंतर में 6.4 डिग्री, धर्मशाला में 12.2 डिग्री, उना में 11.3 डिग्री, नाहन में 12.9 डिग्री, पालमपुर में 11 डिग्री, सोलन में 8.6 डिग्री, कांगड़ा में 13 डिग्री, मंडी में 11.6 डिग्री, बिलासपुर में 15 डिग्री, डल्हौजी में 7.1 डिग्री, जुब्बडहट्टी में 8.6 डिग्री और धौलाकूआं में 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने आगामी पांच मार्च तक राज्य में मौसम के खराब रहने की संभावना जताई है। मैदानी क्षेत्रों में चार मार्च को गरज-चमक के साथ अंधड़ व बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
बता दें कि विंटर सीजन में हिमाचल प्रदेश में कम बारिश व बर्फबारी से सूखे जैसे हालात पनप रहे हैं। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में फरवरी महीने में सामान्य से 70 फीसदी कम बारिश हुई है। वहीं पूरे विंटर सीजन में 37 फीसदी कम बारिश व बर्फबारी हुई है। एक जनवरी से 28 फरवरी तक दो महीने में प्रदेश में 187 मिलीमीटर को सामान्य माना जाता है, जबकि इस बार 117 मिलीमीटर बारिश ही रिकार्ड हुई है। शिमला शहर में इस सीजन में एक बार भी बर्फ नहीं गिरी है। यह पर्यटन उद्योग के लिए अच्छा संकेत नहीं है।