कारागार में बंदियों के स्वास्थय व आने वाली सुरक्षा चुनौतियों से निजात पाने के लिए स्वास्थय शिविर का आयोजन : जेल अधीक्षक
(गाजियाबाद। लायक हुसैन )बेहतर आला अफसरशाही की मिसाल हैं बुलंदशहर जेल के अधीक्षक श्री मिजाजी लाल यादव, आपको बता दें कि एक आला अफसर अगर अपनी सूझ-बूझ से बेहतर विकल्प चुने तो फिर तमाम परेशानियों से निजात पाने के लिए रास्ता काफी हद तक आसान हो जाता है और इसी कड़ी का एक हिस्सा हैं जेल अधीक्षक श्री मिजाजी लाल यादव, दरअसल जेलर साहब जहां भी तैनात होते हैं वहां की दिशा और दशा दोनों ही बदल जाती हैं, और ऐसे में सबसे अच्छा मैसेज यह जाता है कि डिपार्टमेंट पर उंगली उठाने का साहस कोई नहीं कर पाता और ऐसी बहुतेरी मिसालें हैं जो जेलर साहब का कद ऊंचा करने के लिए काफी हैं, दरअसल एक आला अफसर में जो बातें होना चाहिए वह सभी बातें जेलर साहब में पाई गईं, यह कोई बेवजह की तारीफ नहीं है, ऐसी बहुत सी कहानियां हैं जो कि जेल अधीक्षक श्री मिजाजी लाल यादव ने बंदियों के जीवन को खुशियों से चहकाया है और उन सभी मुददों पर हिंदी दैनिक एक संदेश समाचार पत्र के गाजियाबाद से ब्यूरो चीफ लायक हुसैन आने वाले समय में एक इंटरव्यू के माध्यम से बताने का प्रयास करेंगे साथ ही मिजाजी लाल जी की तैनाती कहां-कहां रही और कौन-कौन से ऐसे कार्य किए हैं जो अपराधियों को सुधारने और नई राह नया जीवन दिलाने में सफलता प्राप्त हुई इन सब बातों का जिक्र हम इंटरव्यू के माध्यम आपको बताएंगे, साथ ही इस समय लगातार बंदियों के लिए जो भी बुलंदशहर जेल में वह अपनी सूझ-बूझ से कर रहे हैं वह सब आपके समक्ष हम खबर के माध्यम से रखेंगे, कारागार बुलंदशहर में बंदियों के बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए तथा बाह्य चिकित्सा संस्थानों यथा जिला चिकित्सालय, मेडिकल कालेज, मेरठ आदि में बंदियों को भेजने में आने वाली सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए एवं शासकीय मितव्ययिता बरतते हुए कारागार में ही एक विशाल चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें महिला व पुरुष बंदियों के स्वास्थ्य की जांच की गई, तथा बीमारी के अनुरूप उपचार परामर्शित किया गया,शिविर में जनरल फिजिशियन डॉक्टर कि अंजल राय, डॉक्टर अनिलसिंह, वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजीव मोहन, ईएनटी सर्जन डॉक्टर एन्जेलामिश्रा व डॉक्टर कोमल यादव, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गुरमीत कौर, दन्त विशेषज्ञ डॉक्टर सविधा निखार ने भाग लिया, इस दौरान शिविर में लगभग 1200 बंदी लाभान्वित हुए।