कोरोना पर मुख्यमंत्रियों के साथ हाईलेवल बैठक में बोले PM मोदी, 2 हफ्तों से कुछ राज्यों में केस बढ़ रहे, अलर्ट रहने की जरूरत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश में कोविड-19 की स्थिति पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं। कोरोना स्थिति पर समीक्षा बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 2 वर्षों में कोरोना को लेकर ये हमारी 24वीं बैठक है, कोरोना काल में जिस तरह केंद्र और राज्यों ने मिलकर काम किया है और जिन्होंने कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है मैं सभी कोरोना वॉरियर्स की प्रशंसा करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि स्पष्ट है कि कोरोना की चुनौती अभी पूरी तरह टली नहीं है ओमिक्रोन और उसके सब वैरिएंट्स किस तरह गम्भीर परिस्थिति पैदा कर सकते हैं,ये यूरोप के देशों में हम देख सकते हैं। पिछले कुछ महीने में इन वैरिएंट्स से मामले बढ़े हैं हम भारत में कई देशों की तुलना में हालात पर नियंत्रण रखा है। पिछले 2 हफ्तों से मामले जो बढ़ रहे है उससे हमें अलर्ट रहना है। 2 साल के भीतर में देश ने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर ऑक्सीजन सप्लाई तक कोरोना से जुड़े हर पक्ष में जो आवश्यक है उसे देने का काम किया है। तीसरी लहर में स्थितियां अनियंत्रित होने की खबर नहीं आई।

पीएम मोदी ने कहा कि फ्रास्ट्रक्चर के अपग्रेड का काम तेजी से चलता रहे, ये सुनिश्चित करना चाहिए। बिस्तर, वेंटिलेटर और पीएसए ऑक्सीजन प्लांट जैसी सुविधाओं के लिए हम काफी बेहतर स्थिति में हैं लेकिन ये सुविधाएं कार्यांवित रहे, हमें ये भी सुनिश्चित करना होगा। जो युद्ध की परिस्थिति पैदा हुई है, जिससे सप्लाई चैन प्रभावित हुई है, ऐसे माहौल में दिनों-दिन चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। ये वैश्विक संकट अनेक चुनौतियां लेकर आ रहा है। ऐसे में केंद्र और राज्य के बीच तालमेल को और बढ़ाना अनिवार्य हो गया है। आज की वैश्विक परिस्थितियों में भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आर्थिक निर्णयों में केंद्र और राज्य सरकारों का तालमेल, सामंजस्य पहले से अधिक आवश्यक है।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ नेशनल और ग्लोबल स्थिति को लगातार मॉनिटर कर रहे हैं। उनके सुझावों पर हमें प्रीएम्पेटिव, प्रो-एक्टिव और कलेक्टिव अपरॉच के साथ हमें काम करना होगा। संक्रमण को शुरुआत में ही रोकना हमारी प्राथमिकता पहले भी थी, आज भी यही रहना चाहिए।टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की हमारी स्ट्रैटेजी को भी हमें उतने ही प्रभावी तौर पर लागू करना है। आज कोरोना की जो स्थिति है उसमें ये जरूरी है कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों में जो हमारे गम्भीर इन्फ्लूएंजा के केस हैं, उनका शत प्रतिशत आरटी-पीसीआर टेस्ट हो।

 

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