गोरखपुर : अपहृत छात्र की हत्या

छात्र की हत्‍या पर ट्वीट कर अखिलेश यादव ने जताया दुख

गोरखपुर। फिरौती के लिए अगवा छात्र का शव पुलिस ने बरामद कर लिया है। पिपराइच इलाके में तिनकोनिया नंबर दो में केवटहिया नाले के पास शव मिला है। इस संबंध में चार लोग पूछताछ की जा रही है हैं। निशानदेही पर शव बरामद किया गया है। उल्‍लेखनीय है कि पिपराइच इलाके के जंगल छत्रधारी, टोला मिश्रौलिया से रविवार को पांचवीं के छात्र बलराम गुप्त को अगवा कर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। शाम पांच बजे परिजनों के सूचना देने के बाद बच्चे की तलाश में पिपराइच पुलिस और क्राइम ब्रांच के साथ ही एसटीएफ भी लगी हुई थी। जंगल धूसड़ से मुर्गा कारोबारी, मोबाइल सिम बेचने वाले दुकानदार और एक प्रॉपर्टी डीलर को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही थी। बलराम के साथ अक्सर खेलने वाले उसके दोस्तों से भी घटना के बारे में जानकारी ली गई थी। जंगल छत्रधारी गांव के मिश्रौलिया टोला निवासी महाजन गुप्त घर में ही किराना दुकान चलाते हैं। वे जमीन के कारोबार से भी जुड़े हैं। उनका बेटा बलराम रविवार को दोपहर 12 बजे के आसपास खाना खाने के बाद टीशर्ट और पैंट पहनकर दोस्तों के साथ खेलने निकला था। उसके बाद से घर नहीं लौटा। तीन बजे महाजन गुप्त के मोबाइल पर अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि बलराम का अपहरण कर लिया गया है। उसे छुड़ाने के लिए एक करोड़ रुपये का इंतजाम करने की बात कह उसने फोन काट दिया। महाजन ने पलट कर उस नंबर पर फोन किया, तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला, लेकिन थोड़ी देर बाद 10-10 मिनट के अंतराल पर उसी नंबर से दो बार फोन आया। महाजन को बेटे के अगवा होने की बात पर भरोसा नहीं हो रहा था, इसलिए उन्होंने पहले गांव में उसकी तलाश की। पता न चलने पर लोगों को बेटे के अपहरण और फिरौती के लिए आए फोन की जानकारी दी। शाम पांच बजे 112 नंबर पर फोन कर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में क्षेत्राधिकारी चौरीचौरा रचना मिश्रा के अलावा पिपराइच और गुलरिहा थाने की पुलिस तथा क्राइम ब्रांच तथा एसटीएफ गोरखपुर की टीम मौके पर पहुंच गई। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोरखपुर में बच्चे की हुई हत्या के मामले पर tweet कर कहा कि गोरखपुर से अपहृत बच्चे की हत्या का समाचार बेहद दर्दनाक व दुखद है। शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना। लगातार अपहरण और हत्याओं के बावजूद भी भाजपा सरकार का निर्लज्ज मौन और निष्क्रियता प्रश्नचिन्ह के घेरे मे है।

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