डायबिटीज़ के मरीज़ हैं, तो महाशिवरात्रि का उपवास रखते वक्त इन बातों का ख्याल रखें!

नई दिल्ली। शिवरात्रि हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जो इसे भगवान शिव की पूजा करके और उपवास करके मनाते हैं। इस त्योहार की तैयारियां कुछ दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं और यह दिन शुभ और भाग्यशाली माना जाता है। महाशिवरात्रि का व्रत शिव के भक्तों के लिए एक विशेष महत्व रखता है, और कई तो दिन भर कुछ नहीं खाते।हालांकि, डायबिटीज़ या अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं वाले लोगों के लिए उपवास थोड़ा मुश्किल हो सकता है। चिंता न करें, क्योंकि स्वस्थ उपवास के लिए उचित प्रबंधन और आहार की समझ के अलावा और कुछ नहीं चाहिए। ज़्यादातर डॉक्टर्स डायबिटीज़ के मरीज़ों को व्रत रखने की सलाह नहीं देते, हालांकि मधुमेह के बावजूद सुरक्षित तरीके से उपवास रखा जा सकता है। जब आप पूरा दिन लो-कार्ब डाइट का सेवन करेंगे, तो इससे आपका शरीर डिटॉक्स होगा और अतिरिक्त फैट्स व ग्लूकोज़ बर्न होगा। हालांकि, अगर आप टाइप-1 डायबिटीज़ या थिन टाइप-2 डायबिटीज़ से पीड़ित हैं, लंबी उपवास अवधि से बचना सबसे अच्छा है। मधुमेह के रोगियों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वे नियमित अंतराल पर अपनी रक्त शर्करा का स्तर और रक्तचाप पूरे दिन जांचें। एक मधुमेह रोगी के रूप में, आप पूरी तरह से पानी पर निर्भर वाला उपवास या फिर इंटरमिटेंट उपवास का विकल्प भी चुन सकते हैं। अगर आप अपनी वर्तमान स्थिति के बारे में संदेह है, तो इसके लिए डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह लें।खाने के लिए सुरक्षित चीज़ें:- इमली या कोकम सार (चीनी की जगह स्टीविया), नींबू का शरबत (चीनी की जगह स्टीविया), ब्लैक कॉफी या फिर नारियल के दूध के साथ, – भीगे हुए बादाम या अखरोट, कुट्टु, सिंघाड़ा, शकरकंद (सीमित मात्रा में), मखाना, फल

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