मानसिक बीमार बेघर लोगों के कोविड जांच के लिये मोबाइल नंबर एवं परिचय पत्र का दबाव न डालें : अदालत
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद से शुक्रवार को कहा वह अपने दिशा निर्देशों में यह स्पष्ट करें कि मानसिक रूप से बीमार बेघरों के कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिये उनसे मोबाइल नंबर, सरकारी परिचय पत्र, तस्वीरें और आवासीय प्रमाण पत्र मांगने के लिये उन पर दबाव नहीं डाला जाये। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के 19 जून के परामर्श के अनुसार कोविड—19 जांच कराने वाले हर व्यक्ति को सरकार की ओर से जारी पहचान पत्र देना होगा और उसके पास एक वैध मोबाइल नंबर भी होना चाहिये। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल एवं न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने कहा कि आईसीएमआर को सर्कुलर अथवा आफिस आदेश के रूप में एक स्पष्टीकरण जारी करना चाहिये कि मानसिक रूप से बीमार बेघरों के कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिये परिचय प्रमाण पत्र, पते का प्रमाण पत्र एवं मोबाइल नंबर की जरूरत नहीं है। अदालत ने कहा कि ऐसे लोगों की जांच करने के लिये शिविर लगाया जाना चाहिये जैसा कि दिल्ली में अन्य लोगों के इलाज के लिये किया जा रहा है । इसने कहा, ‘आपकी ओर से दिशा निर्देश जारी किये जाने चाहिये । आपको केवल दो तीन लाइनों में यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि मानसिक रूप से बीमार बेघर लोगों की जांच के लिय मोबाइल नंबर, पते का प्रमाण पत्र और परिचय पत्र की आवश्यकता नहीं है।