योगी आदित्यनाथ का निर्देश, धैर्य और सावधानी से करें कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग

सरकारी आवास पर टीम-11 के साथ कोरोना वायरस पर नियंक्षण की समीक्षा की

लखनऊ, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रचार पर नियंत्रण के लिए नित नये उपाय तलाशने में लगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जोर अब कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर बढ़ गया है। प्रदेश में कानपुर के दस तथा लखनऊ के चार थाना क्षेत्र में रविवार तक टोटल लॉकडाउन के बाद अब अन्य शहरों में भी यह प्रक्रिया लागू करने पर विचार किया जा रहा है।सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर टीम-11 के साथ कोरोना वायरस पर नियंक्षण की समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ विभाग के साथ हर जिले में प्रशासन को निर्देश दिया है कि हर जगह पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग धैर्य तथा सावधानी से करें। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया है कि कहीं पर भी दवा के अभाव में किसी का इलाज रुकना नहीं चाहिए।मुख्यमंत्री ने कहा है कि दवा के अभाव में किसी भी रोगी का इलाज प्रभावित नहीं होना चाहिए। सभी अस्पतालों में दवाओं का अतिरिक्त स्टॉक रखा जाए। अगर ऐसा होता है तो वहां सख्त कार्रवाई होगी।उन्होंने कहा कि कोविड-19 के गंभीर रोगियों के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि धैर्य और सावधानी से हर जगह कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करें। उन्होंने चिकित्सीय व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ बनाने के भी निर्देश दिए हैं। प्रदेश के हर जिले में भेजे गए नोडल अधिकारी अब कोरोना संक्रमितों के साथ ही स्वस्थ होकर अपने घर गए लोगों से फीडबैक लेंगे। अब नोडल अधिकारी रोज कम से कम 20 कोरोना संक्रमितों से बात करेंगे। विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमितों से नोडल अधिकारी फोन पर बात करने के दौरान उनके मिल रहे इलाज, सुविधा तथा दिक्कतों का फीडबैक लेंगे। इन सभी सभी नोडल अधिकारियों को डीएम को रोज रिपोर्ट देनी होगी। जिलों में इलाज और सुविधाओं में लापरवाही हुई तो अब से नोडल अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी। जिलों में नोडल अधिकारियों को रोज कोविड अस्पतालों का निरीक्षण भी करना होगा।लक्षण विहीन मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा कुछ शर्तों के साथ दी जा रही है। इसके तहत 10 दिन रहने के बाद सात दिन घर में ही क्वांरटाइन रहना होगा। ऐसे लक्षण विहीन मरीजों का दो कमरों का घर जरूर होना चाहिए। वे प्रतिदिन कंट्रोल रूम के (18001805146) फोन नम्बर पर अपने स्वास्थ्य की जानकारी देंगे। उसमें दो शौचालय भी होने चाहिए। इसी तरह कोविड अस्पतालों में भर्ती लक्षण विहीन मरीजों को पहली जांच के 10वें दिन या भर्ती होने के सातवें पर बिना किसी जांच के डिस्चार्ज किया जाएगा। होम आइसोलशन में भर्ती मरीजों के लिए थर्मामीटर व पल्सऑक्सीमीटर अपने पास रखना अनिवार्य है। उनका ऑक्सीजन का लेवल 94 फीसदी से ऊपर होना चाहिए। रैपिड रिस्पांस टीम भी उनके घर के निरीक्षण करेगी कि होम आइसोलेशन का मरीज निर्धारित शर्तों का पालन कर रहा या नहीं। मरीज में कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर उसे एल-2 और एल-3 के कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। होम आइसोलेशन के मरीज को अपने कपड़े, घर के शौचालय और कमरे को सोडियम हाइपोक्लोराइड से विसंक्रमित करना होगा। नई संशोधित डिस्चार्ज पॉलिसी की जानकारी चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जल्द बड़े शहरों में टेस्टिंग सेंटर बनाए जाएंगे। वहां लैब टेक्नीशियन लोगों रैपिड एंटीजेन टेस्ट करेंगे। लक्षण पाए जाने पर तुरंत उनका नमूना जांच के लिए आरटीपीसीआर लैब भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि मामूली मर्ज पर डॉक्टरी सलाह लेने के लिए ई-संजीवनी वेबसाइट का उपयोग करें। मरीज इस वेबसाइट पर पंजीकरण कराने के लिए अपना फोन नम्बर दर्ज करेगा। फिर आए ओटीपी को दर्ज करने के बाद पंजीकरण हो जाएगा। उसके बाद मरीज का डॉक्टर से सीधा संपर्क हो जाएगा। डॉक्टर दवा का पर्चा भी इसी साइट पर देगा। कुछ दिनों में यह व्यवस्था की जाएगी कि दवा के पर्चे का प्रिंट आउट के आधार पर सरकारी अस्पतालों में दवा मिल सके।

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