उत्तराखंड सरकार लाभ रहित मार्गों पर बस संचालन को बस खरीद में सब्सिडी देने की तैयारी, जानिए पूरी योजना

उत्तराखंड सरकार लाभ रहित मार्गों पर बस संचालन को प्रोत्साहित कर रही है। इस कड़ी में अब प्रदेश सरकार इन मार्गों पर निजी आपरेटरों को बस खरीदने के लिए सब्सिडी देने की तैयारी कर रही है। चकराता में हुई बस दुर्घटना की रिपोर्ट में दिए गए इस सुझाव पर गंभीरता से मंथन किया जा रहा है। इस रिपोर्ट में दुर्घटना का कारण चालक की लापरवाही बताया गया है।

प्रदेश में सड़क दुर्घटना का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में चकराता में हुई वाहन दुर्घटना की जांच रिपोर्ट में यह कहा गया है कि प्रथम दृष्ट्या दुर्घटना का कारण चालक की लापरवाही है। इसमें यह भी कहा गया है कि अलाभकारी मार्ग होने के कारण इन मार्गों पर बसों का संचालन नहीं हो रहा है। इसके लिए इन मार्गों पर टैक्स में 75 प्रतिशत छूट देने की व्यवस्था की गई है। अभी बसों का संचालन न होने के कारण इन क्षेत्रों में परिवहन का मुख्य साधन टैक्सी वाहन हैं, जो सवारियों को लाने-ले जाने के साथ ही माल भी ढोते हैं। इस कारण स्थानीय निवासी इन्हें प्राथमिकता देते हैं और नतीजा ओवरलोडिंग के रूप में सामने आता है।

यह स्थिति केवल चकराता नहीं, बल्कि सभी पर्वतीय क्षेत्रों की हैं। ऐसे में इन मार्गों पर बसों का संचालन सुरक्षा की दृष्टि से सबसे उचित है। इन मार्गों के अलाभकारी होने के करण परिवहन निगम व निजी बस आपरेटर यहां बसों का संचालन नहीं करते। ऐसे में इन्हें टैक्स में छूट देने के साथ ही बसों की खरीद में भी छूट दी जा सकती है। इसके लिए निजी बस संचालकों को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना के अंतर्गत बस खरीद में 50 प्रतिशत की छूट दी जा सकती है, ताकि सवारियों को संपर्क मार्गों से मुख्य मार्गों के साथ ही बाजार तक लाया जा सके।

परमिट की फ्री पालिसी के कारण यहां कभी भी बसों का संचालन शुरू किया जा सकता है। उप आयुक्त परिवहन एसके सिंह ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के बिना लाभ वाले मार्गों पर बसों का संचालन बढ़ाने को टैक्स में छूट देने की योजना बनी है। बस खरीद में छूट देने का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।

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