भारत ने इस कंपनी के साथ किया कोरोना वैक्सीन का करार, जनवरी-मार्च तक होगी उपलब्ध
नई दिल्ली। देश में करोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच कोरोना वैक्सीन के लिए अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। दरसअल कोरोना वैक्सीन को लेकर दावा किया जा रहा है कि भारतीय बाजार में अगले साल जनवरी से मार्च के बीच कोरोना के दो टीके उपलब्ध हो सकते हैं। बर्नस्टीन द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने दौड़ में आगे चल रही कंपनियों एस्ट्राजेनेका और नोवावैक्स के टीके का करार पहले सुनिश्चित कर लिया है। ऐसे में इन वैक्सीन को मंजूरी मिलते ही भारत में इनका टीकाकरण शुरू हो सकता है।
जारी रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर चार संभावित टीके हैं, जिन्हें 2020 के अंत तक या 2021 की शुरुआत में स्वीकृति मिलने का अनुमान हैं। इनमें से दो टीके एस्ट्राजेनेका व ऑक्सफोर्ड का वायरल वेक्टर टीका और नोवावैक्स के प्रोटीन सबयूनिट टीके के लिए भारत ने साझेदारी की है।
चलाना होगा पोलियो की तरह अभियान- जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत के पास बड़े स्तर पर टीकाकरण के दो अनुभव हैं। एक 2011 का पोलियो उन्मूलन अभियान और दूसरा हालिया सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई), लेकिन इन दोनों का स्तर कोरोना के मुकाबल एक तिहाई भर था। बर्नस्टीन द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि टीकाकरण में कोल्ड चेन स्टोरेज की श्रृंखला और कुशल श्रम की कमी दो बड़ी चुनौती सामने आने वाली हैं।
अगर इनकी गति पहले की तुलना में दो गुना होगी, तब भी सरकारी टीकाकरण के अमल में आने में 18 से 20 महीने लगेंगे। आपको बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पहले टीके को बाजार में उतारने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सीरम ने एस्ट्राजेनेका व ऑक्सफोर्ड और नोवावैक्स के साथ उनके संभावित टीके के उत्पादन का करार किया है। सीरम एक अरब खुराक से अधिक की क्षमता पर काम कर रहा है। भारत की तीन कंपनियां जायडस, भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल ई भी अपने अपने टीके पर काम कर रही हैं। ये टीके पहले और दूसरे चरण के परीक्षण में हैं।