कांग्रेस में मतभेद जारी, गुलाम नबी ने कहा- नहीं हुआ अध्यक्ष पद का चुनाव तो लंबे वक्त बैठना पड़ेगा विपक्ष में
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में संसदीय दल के नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी संगठन को लेकर एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा है कि अगर पार्टी संगठन ने अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं कर लेगी तो 50 वर्षों तक विपक्ष में ही बैठी रहेगी। गुलाम नवी आजाद उन नेताओं में शामिल है जिन्होंने कांग्रेस के अंदर संगठन चुनाव की मांग करते हुए सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। इस दौरान आजाद ने कहा कि जब आप चुनाव लड़ते हैं तो कम से कम 51 फीसदी लोग आपके साथ होते हैं और आप पार्टी के भीतर केवल 2 से 3 लोगों के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं।
एक व्यक्ति जिसे 51 प्रतिशत वोट मिलेंगे, अन्य को 10 या 15 प्रतिशत वोट मिलेंगे। जो व्यक्ति जीतेगा वह अध्यक्ष बनेगा और इसे साफ हो जाएगा है कि 51 प्रतिशत लोग उसके साथ हैं। गुलाम नवी आजाद ने एक बार फिर से चुनाव की मांग को दोहराते हुए कहा कि जो दूसरे, तीसरे या चौथे स्थान पर रहेंगे, वे सोचेंगे कि हमें कड़ी मेहनत करते हुए पार्टी को मजबूत करना होगा और अगली बार जीतना होगा। लेकिन, अभी जो अध्यक्ष चुना गया है, उसे पार्टी के एक प्रतिशत कार्यकर्ताओं का समर्थन भी नहीं है।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसी को भी राज्य में पार्टी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त कर रही है। यै वैसे व्यक्ति होते हैं, जिनका दिल्ली आना-जाना लगा रहता है और जिसकी सिफारिश पार्टी के बड़े नेताओं द्वारा की जाती है। गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा, “हमें यह भी नहीं पता है कि ऐसे व्यक्तियों को एक या 100 प्रतिशत का समर्थन प्राप्त है। कई ऐसे हैं जिनके पास एक प्रतिशत समर्थन भी नहीं है।
ऐसा राज्य, जिले, सीडब्ल्यूसी में नेतृत्व के चुनावों में होता है। नियुक्त व्यक्ति को हटाया जा सकता है, लेकिन एक निर्वाचित व्यक्ति को नहीं हटाया जा सकता है। इसमें गलत क्या है।” उन्होंने उन नेताओं की कड़ी आलोचना की जो कांग्रेस पार्टी में संगठन चुनाव का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग वफादारी का दावा कर रहे हैं, वे वास्तव में सस्ती राजनीति कर रहे हैं और पार्टी और राष्ट्र के हितों के लिए हानिकारक हैं।