प्रयागराज। पडोसी जनपद प्रतापगढ़ की जिला जेल इस समय हाउसफुल हो गई है। ऐसे में एक गोदाम को बैरक बना दिया गया है। इसके अलावा दो अस्थाई जेलों से भी जेल प्रशासन को सहारा मिला है।जिले की जेल की क्षमता 458 बंदी रखने की है, लेकिन यहां हमेशा क्षमता से डेढ़ गुना अधिक बंदी बंद रहते हैं। इस बीच कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण चार महीने पहले लॉकडाउन घोषित किया गया था। इसकी वजह से करीब डेढ़ महीने तक कोर्ट बंद थी।
ऐसे में जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई न होने से जेल में बंदियों की संख्या बढ़ती चली गई। दो बार हॉटस्पाट एरिया घोषित किए जाने के कारण 28 दिनों तक कोर्ट बंद थी। इस तरह जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई नहीं हो पा रही है और आपराधिक घटनाओं में आए दिन आरोपित गिरफ्तार करके जेल भेजे जा रहे हैं, ऐसे में बंदियों की संख्या बढऩा स्वाभाविक है। इस समय जेल में कुल 1183 बंदी बंद है। जेल में पहले 11 बैरक, एक महिला बैरक व एक बच्चा बैरक क्रियाशील थी। जब बंदियों की संख्या बढऩे लगी तो जर्जर हो चुकी बैरक की मरम्मत कराकर उसे रहने लायक बनाया गया।दिनोंदिन बढ़ रही बंदियों की संख्या एक और बैरक की जरूरत महसूस होने लगी। ऐसे में जर्जर हो चुकी जिस बैरक को गोदाम बनाया गया था, उसका भी आधा हिस्सा खाली कराकर उसे रहने लायक बनाया गया। बच्चा बैरक को इस गोदाम वाले बैरक में शिफ्ट कर दिया गया, जिससे बच्चा बैरक में अधिक से अधिक बंदियों को रखा जा सके।