सड़क पर लाशें, खाने की तलाश में भटकते लोग
यूक्रेन के मारियुपोल में रूसी हमले के बाद तबाही का मंजर सड़कों पर पड़ी लाशों से साफ नजर आ रहा है। कई दिन से भूखे लोग अब खाने की तलाश में दुकानों के ताले तोड़ रहे हैं। प्यास बुझाने के लिए बर्फ पिघलाकर पी रहे हैं। शहर में रूसी गोलाबारी की आवाज से कांपते हुए हजारों लोगों ने जान बचाने के लिए तहखानों में पनाह ली है। न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं और बच्चों के बीच तहखाने में तेल के दीपक की रोशनी में रोते हुए गोमा जाना ने कहा, ‘मैं क्यों ना रोऊं? मुझे मेरा घर वापस चाहिए, मेरी नौकरी वापस चाहिए। मैं लोगों और शहर को लेकर दुखी हूं मारियुपोल शहर की आबादी करीब 4,30,000 है और रूसी हमले के बाद यहां पैदा हुई स्थितियों से मानवीय संकट गहराता जा रहा है। मंगलवार को भी यहां फंसे लोगों को कोई राहत नहीं मिली। लोगों को निकालने और एक सुरक्षित कॉरिडोर के जरिए खाना, पानी और दवा पहुंचाने की कोशिशें नाकाम रहीं। यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि काफिले के शहर पहुंचने से पहले ही रूसी सेना ने उस पर गोलीबारी कर दी। रूस को यूक्रेन पर हमला किए करीब दो सप्ताह का समय बीत चुका है। आज़ोव सागर पर बसा मारियुपोल कई दिनों से रूसी सैनिकों से घिरा हुआ है। यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री इरीना वेरेशचुक ने कहा कि मारियुपोल ‘विनाशकारी स्थिति’ में है । इस बीच, पोलैंड ने यूक्रेन की सेना की मदद करने के लिए अमेरिका को अपने सभी एमआईजी-29 लड़ाकू विमान देने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह प्रस्ताव उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के लिए गंभीर चिंताएं पैदा करता है और यह योजना ‘तर्कसंगत नहीं’ है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक करीब 20 लाख लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं । रूस को आर्थिक स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिशें लगातार जारी हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूसी तेल आयात पर बैन लगाने की घोषणा की और मल्टीनेशनल तेल और गैस कंपनी ‘शेल’ ने कहा कि वह अब रूस से तेल और प्राकृतिक गैस नहीं खरीदेगी । वहीं, मैकडॉनल्ड्स, स्टारबक्स, कोका-कोला, पेप्सिको और जनरल इलेक्ट्रिक जैसे कई ग्लोबल ब्रांड ने घोषणा की है कि वे यूक्रेन पर आक्रमण के जवाब में रूस में अपने व्यापार को अस्थायी रूप से निलंबित कर रहे हैं।