रोहित शर्मा की उम्र का हवाला देते हुए उपकप्तानी से हटाना चाहते थे विराट कोहली
टीम इंडिया के रेगुलर कप्तान विराट कोहली के टी-20 वर्ल्ड कप के बाद टी-20 की कप्तानी छोड़ने के ऐलान के बाद बड़ी बात सामने आ रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक विराट कोहली ने चयनकर्ताओं को प्रस्ताव दिया था कि वो रोहित शर्मा को उपकप्तानी से हटा दें। उन्होंने रोहित शर्मा की उम्र का हवाला देते हुए सिलेक्टर्स को ये प्रस्ताव दिया था। वो चाहते थे वनडे में 34 साल के रोहित से उपकप्तानी वापस लेकर केएल राहुल को सौप दी जाए। सूत्रों के मुताबिक बोर्ड ने उनका ये प्रस्ताव नहीं माना।
कहा जा रहा कि कोहली सिलेक्शन कमिटी के पास यह प्रस्ताव लेकर गए थे कि रोहित को वनडे उप-कप्तानी से हटा दिया जाए, क्योंकि वह 34 साल के हैं। वह चाहते थे कि वनडे टीम की उप-कप्तानी लोकेश राहुल को सौंपी जाए जबकि टी20 फॉर्मेट में यह जिम्मेदारी पंत निभाएं। सूत्र ने कहा, ‘बोर्ड को यह पसंद नहीं आया जिसका मानना है कि कोहली असल उत्तराधिकारी नहीं चाहते।’ कोहली के टी20 कप्तानी छोड़ने पर रोहित को यह जिम्मेदारी मिलना लगभग तय है और ऐसे में पंत, राहुल और जसप्रीत बुमराह उप-कप्तानी के दावेदार हो सकते हैं। दिल्ली कैपिटल्स की टीम अगर आईपीएल खिताब जीत लेती है, तो उसके कप्तान पंत सबसे बड़े दावेदार बन जाएंगे। सूत्र ने कहा, ‘पंत मजबूत दावेदार हैं लेकिन आप लोकेश राहुल को नहीं नकार सकते क्योंकि वह भी आईपीएल कप्तान है। जसप्रीत बुमराह भी छिपा रुस्तम साबित हो सकते हैं।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया, ‘विराट को पता है कि अगर टीम यूएई में टी20 वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है, तो उन्हें लिमिटेड ओवरों की कप्तानी से हटाया जा सकता था। जहां तक सीमित ओवरों की कप्तानी का सवाल है तो उसने हटकर अच्छा किया है।’ उन्होंने कहा, ‘उसने अपने ऊपर से थोड़ा दबाव कम किया है, क्योंकि ऐसा लग रहा है कि वह अपनी शर्तों पर यह काम कर रहा था। अगर टी20 में प्रदर्शन में गिरावट आती है तो शायद 50 ओवर में फॉर्मेट में ऐसा नहीं हो।’ बीसीसीआई अगर निकट भविष्य में कोहली से वनडे की कप्तानी भी ले लेता है, तो यह हैरानी भरा नहीं होगा। टी20 वर्ल्ड कप में ट्रॉफी जीतने में नाकाम रहने के बाद कोहली को 50 ओवर में फॉर्मेट में भी सिर्फ बल्लेबाज के रूप में उतरना पड़ सकता है। इसमें कोई शक नहीं कि ड्रेसिंग रूम में भी उप-कप्तान रोहित शर्मा को ‘लीडर’ माना जाता है, जिन्होंने युवा खिलाड़ियों को साथ लेकर चलना सीख लिया है और वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में मुंबई इंडियन्स के साथ साल दर साल ऐसा करते आए हैं।
कोहली को ड्रेसिंग रूप में नहीं मिला पूरा सपोर्ट
कोहली को पिछले कुछ समय से ड्रेसिंग रूप में पूरा सपोर्ट नहीं मिला है। उनको करीब से देखने वालों का मानना है कि उनकी वर्किंग स्टाइल में लचीलापन नहीं है। साउथम्पटन में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में दो स्पिनरों के साथ उतरना हो या 2019 वर्ल्ड कप से पहले चौथे स्थान पर किसी खिलाड़ी को स्थापित नहीं होने देना, उनके अंदर लचीलेपन की कमी देखने को मिलती है। भारत ने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में भले ही 2-1 की बढ़त बनाई हो, लेकिन दुनिया के नंबर एक ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को नहीं खिलाने के फैसले पर सवाल उठते हैं।
पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट से पहले उन्हें पूरा समर्थन हासिल था, लेकिन उस मैच में भारत के 36 रन पर सिमटने और फिर कोहली के पैटरनिटी लीव पर जाने से काफी चीजें बदल गईं। किसी ने खुलकर नहीं कहा लेकिन भारत ने जब अपनी बेस्ट टीम के साथ खेल रहे ऑस्ट्रेलिया (2018-19 से अलग) को पिछड़ने के बावजूद हराया तो खिलाड़ी अधिक एकजुट महसूस कर रहे थे। कोहली जब इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए टीम से जुड़े तो उन्हें पता था कि युवा खिलाड़ियों ने अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन से अपनी छाप छोड़ी है।
कोहली के साथ कम्यूनिकेशन की समस्या
एक पूर्व खिलाड़ी ने अनौपचारिक बातचीत के दौरान पीटीआई से कहा था, ‘विराट के साथ समस्या कम्यूनिकेशन की है। महेंद्र सिंह धोनी के मामले में, उसका कमरा 24 घंटे खुला रहता था और खिलाड़ी अंदर जा सकता था, वीडियो गेम खेल सकता था, खाना खा सकता था और जरूरत पड़ने पर क्रिकेट के बारे में बात कर सकता था।’ उन्होंने कहा, ‘मैदान के बाहर कोहली से कॉन्टैक्ट कर पाना बेहद मुश्किल है।’ पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘रोहित में धोनी की झलक है लेकिन अलग तरीके से। वह जूनियर खिलाड़ियों को खाने पर ले जाता है, जब वह निराश होते हैं तो उनकी पीठ थपथपाता है और उसे खिलाड़ियों के मानसिक पहलू के बारे में पता है।’
जहां तक जूनियर खिलाड़ियों का सवाल है तो कोहली के खिलाफ सबसे बड़ी शिकायत यह है कि वह मुश्किल समय में उन्हें मझधार में छोड़ देते हैं। एक अन्य क्रिकेटर ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया में पांच विकेट के बाद कुलदीप यादव योजनाओं से बाहर हो गया। ऋषभ पंत जब फॉर्म में नहीं था तो उसके साथ भी ऐसा ही हुआ। भारतीय पिचों पर ठोस प्रदर्शन करने वाले सीनियर गेंदबाज उमेश यादव को कभी यह जवाब नहीं मिला कि किसी के चोटिल नहीं होने तक उनके नाम पर विचार क्यों नहीं किया जाता।’
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को जारी बोर्ड की प्रेस रिलीज के रोचक पहलू के बारे में कहा, ‘अगर आप सौरव और जय शाह के बयान देखो, दोनों ने शुभकामनाएं दी हैं, लेकिन एक भी शब्द नहीं कहा कि वह 2023 वर्ल्ड कप तक कप्तान रहेगा या नहीं। इसलिए वह कप्तान रहेगा इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता।’ पता चला है कि टी20 वर्ल्ड कप के बाद पद छोड़ने वाले रवि शास्त्री ने कोहली से विस्तार से बात की है और वह अब अपना ध्यान 100 इंटरनेशनल सेंचुरी के सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को तोड़ने के अपने लक्ष्य पर लगाएंगे।