International Tiger Day : बाघों की संख्या के लिहाज से देश में इतिहास रचने को तैयार कॉर्बेट टाइगर रिजर्व

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस आज यानि गुरुवार को है। बाघों की संख्या के लिहाज से देश में कीर्ति कायम करने वाले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में इतिहास रचने की तैयारी है। वर्ष 2006 में 150 बाघों वाले कॉर्बेट पार्क में 14 साल बाद ही 250 से अधिक बाघ हो गए है। इससे उत्साहित पार्क प्रशासन वर्ष 2022 में बाघों की गिनती करने की तैयारियों में है। पार्क के अधिकारियों की मानें तो कॉर्बेट नेशनल पार्क 300 के करीब बाघों का आंकड़ा छू सकता है। 

कॉर्बेट नेशनल पार्क 1288 वर्ग किलोमीटर में फैला देश का पहला टाइगर रिजर्व है। अधिकारियों की मानें तो बाघों की संख्या के लिहाज से भी कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पहले पायदान पर है। बताया कि कॉर्बेट में 250 से अधिक बाघ हैं, जबकि बांदीपुर टाइगर रिजर्व में 130 के करीब बाघ हैं। महाराष्ट्र के टाइगर रिजर्व में 120 से अधिक बाघ हैं। यहां के अधिकारी बताते हैं कि कॉर्बेट में 2006 से बाघों की गणना का काम शुरू किया गया था। तब पार्क में 150 बाघ थे।

वर्ष 2010 में 184, 2014 में 215 और 2019 की गणना में कॉर्बेट में 250 से अधिक बाघ मिले। बताया कि वर्ष 2022 में कॉर्बेट पार्क प्रशासन यहां बाघों की गणना करेगा। इसके नतीजे 300 के करीब हो सकते हैं। हालांकि गणना के बाद ही एनटीसीए रिपोर्ट जारी करता है। इसकी पूरी उम्मीद है कि कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों की तादाद के मामले में नया रिकॉर्ड बनाएगा। 

इसलिए बनेगा रिकॉर्ड
– अन्य टाइगर रिजर्व से कई गुना बड़ा एवं बेहतर है कॉर्बेट पार्क का जंगल।
– कॉर्बेट पार्क की व्यवस्थाएं हाईटेक हैं, यहां पर बड़े ग्रासलैंड होने से भोजन पर्याप्त है।
– बाघों के संरक्षण और इनकी सुरक्षा को वन कर्मचारी की फौज तैनात है।
– पार्क का अपना खुफिया तंत्र है, जो बेहद ही मजबूत बताया जाता है।

ऐसा है कॉर्बेट पार्क का इतिहास
8 अगस्त 1936 को कॉर्बेट पार्क को ‘हेली नेशनल पार्क’ का नाम दिया गया। 1955 में हेली नेशनल पार्क को ‘रामगंगा नेशनल पार्क’ नाम मिला। 1957 में इसे ‘जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क’ नाम दिया गया। बताया कि एक अप्रैल 1973 में बाघ परियोजना की शुरुआत सरकार ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से की। यहां पर पक्षियों की 500 से अधिक प्रजातियां, 110 प्रकार के पेड़-पौधे, करीब 200 किस्म की तितलियां, नदियां, पहाड़, शिवालिक शृंखला आदि कॉर्बेट को दिलचस्प बनाते हैं। वन्यजीव विशेषज्ञ संजय छिम्वाल कहते हैं कि शावकों के साथ बाघों का विचरण भी कॉर्बेट को खास बनाता है।

मध्य प्रदेश में सबसे अधिक बाघ

राज्यसंख्या
मध्य प्रदेश526
कर्नाटक524
उत्तराखंड442
महाराष्ट्र312

कॉर्बेट पार्क देश का पहला टाइगर रिजर्व है, जहां पर बाघों की संख्या सबसे अधिक पाई गई है। यहां पर बाघों की संख्या लगातार बढ़ना अधिकारी-कर्मचारियों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। वर्ष 2022 में बाघों की गणना की तैयारियां चल रही हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों की संख्या के मामले में नया इतिहास रचेगा। – राहुल, निदेशक, कॉर्बेट नेशनल पार्क

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