700 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित होने के बावजूद तटबंध पर कोई खतरा नहीं
लखनऊ 17 अगस्त
उत्तर प्रदेश के पन्द्रह जिले के सात सौ से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं लेकिन किसी भी तटबंध पर कोई भी खतरा नहीं है।
राहत आयुक्त संजय गोयल के अनुसार बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्य के लिये 22 टीमों को लगाया गया है तथा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने तथा राहत के लिये करीब नौ सौ नाव को लगाया गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच खाद्यान्न बांटा जा रहा है ।
उन्होंने कहा कि अब तक 78 हजार 309 खाद्यान्न किट बांटा जा चुका है ओर दो लाख मीटर तिरपाल दिये गये हैं। बाढ़ की आपदा से निपटने के लिये 329 बाढ़ शरणालय और 739 बाढ़ चौकी बनाई गई है ।
बहराइच से मिली रिपोर्ट के अनुसार नेपाल के पहाड़ी इलाकों से आये पानी के कारण घाघरा नदी 42 घर और पांच सौ बीघा से ज्यादा जमीन नदी में समा गई है। घाघरा के विकराल रूप के कारण कई गांवों में कटान का खतरा बढ़ गया है। जिला प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहा है ।
बस्ती से मिली रिपोर्ट के अनुसार सरयू नदी की बाढ़ से 16 हजार से ज्यादा की आबादी प्रभावित है और हजारों हेक्टयर में लगी खड़ी फसल बर्बाद हो गयी है। पशुओं के लिये चारे की समस्या पैदा हो गई हैं। प्रभावित गांव के लोगों ने बंधे पर शरण ली है। बाढ़ से 50 से अधिक गांव घिरे हैं जिसमें बीस गांव पूरी तरह से डूब चुके हैं ।