सरकार कर्मचारियों के दोनों भाषाओं के जानकार होने पर जोर दे: चिदंबरम
हिंदी, अंग्रेजी को आधिकारिक भाषा बनाना चाहती है सरकार
नई दिल्ली! कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों को देश की आधिकारिक भाषा बनाना चाहती है तो उसे अपने कर्मचारियों को इन दोनों भाषाओं की जानकारी रखने वाला बनाने पर जोर देना चाहिए। पूर्व गृह मंत्री ने चेन्नई हवाई अड्डे पर द्रमुक सांसद कनिमोई के हिंदी में बातचीत नहीं करने पर एक सीआईएसएफ अधिकारी द्वारा कथित तौर विवादित टिप्पणी किए जाने से जुड़े विवाद की पृष्ठभूमि में यह बात कही है। चिदंबरम ने कहा कि कनिमोई को चेन्नई हवाई अड्डे पर जिस कड़वे अनुभव का सामना करना पड़ा है वो कोई असामान्य बात नहीं है।
उन्होंने ट्वीट किया, ”केंद्र सरकार के पदों पर भर्ती होने वाले गैर हिंदी भाषी कर्मचारियों को जल्द ही कामकाज और बोलचाल के लायक की हिंदी सीखनी पड़ती है। हिंदी भाषी कर्मचारी कामकाज और बोलचाल के लायक अंग्रेजी क्यों नहीं सीख सकते? कांग्रेस नेता ने कहा, ”अगर केंद्र सरकार हिंदी और अंग्रेजी दोनों को भारत की आधिकारिक भाषा बनाने को प्रतिबद्ध है तो फिर उसे इस बात पर जोर देना चाहिए कि केंद्र सरकार के सभी कर्मचारी हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के जानकार हों। गौरतलब है कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम की सांसद कनिमोई ने रविवार को ट्वीट किया ” आज हवाई अड्डे पर जब मैंने सीआईएसएफ की एक अधिकारी से कहा कि वह तमिल या अंग्रेजी में बोलें क्योंकि मैं हिंदी नहीं जानती, तब उन्होंने मुझसे सवाल किया कि क्या ‘मैं भारतीय हूं। सांसद ने हैशटैग ‘हिंदी थोपना का इस्तेमाल करते हुए ट्विटर पर लिखा, ” मैं जानना चाहूंगी कि कब से भारतीय होना हिंदी जानने के समान हो गया है। इस घटना पर सीआईएसएफ ने कहा कि उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।