Gwalior- 25 फीट की गणेश प्रतिमा स्थापित होने से पहले सड़क पर गिरकर टूटी, कई घायल
Gwalior- शहर में शिंदे की छावनी में स्थापना के लिए ले जाई जा रही 25 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा रविवार की रात सड़क पर गड्ढे की वजह से गिरकर टूट गई। बीच सड़क पर हुए इस हादसे के बाद हंगामा हो गया, जिसे पुलिस ने शांत कराया। इस हादसे में कई लोग घायल भी हो गए। अब टूटी हुई प्रतिमा को हटाने का कार्य चल रहा है। मौके पर उर्जा मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर, प्रशानिक अधिकारी और पुलिस बल मौके पर मौजूद है।
दरअसल, ग्वालियर जिले की सबसे ऊंची 25 फीट की गणेश प्रतिमा शहर के शिंदे की छावनी खल्लासीपुरा में स्थापित होना थी। शनिवार रात 12 बजे भक्त मंडल के सदस्य जीवाजीगंज से गणेश प्रतिमा को लेकर निकले थे। करीब 20 घंटे में बिजली के तार और सड़क के गड्ढे बचाते हुए प्रतिमा को सिर्फ दो किलोमीटर तक ही ला पाए थे कि रविवार रात आठ बजे नवाब साहब के कुएं के पास हादसा हो गया। प्रतिमा के नीचे दबकर कुछ लोग घायल हुए हैं, लेकिन कोई सामने नहीं आया। घटना के बाद हंगामा हो गया। गणेश प्रतिमा स्थापित करने वाले जाम लगाकर गड्ढे के लिए जिम्मेदारों पर एफआईआर करने अड़ गए। दो घंटे तक हंगामा चला। इसके बाद पुलिस पहुंची और खंडित मूर्ति को विसर्जित कराने का इंतजाम कर उनकी सभी मांगों पर एक्शन लेने का आश्वासन दिया।
उधर, सड़क पर गड्ढे और प्रतिमा के खंडित होने पर ऊर्जा मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर का कहना है कि शिंदे की छावनी की सड़क सही है, लेकिन जिस गड्ढे से हादसा हुआ है, यह किसी एजेंसी ने खुदाई की है। अब हम यही पता लगा रहे हैं कि यह किसने खोदी थी और लापरवाही पर एक्शन लिया जाएगा।
दरअसल, शहर के शिंदे की छावनी स्थित खल्लासीपुरा में बीजासेन माता कमेटी के सदस्यों ने शहर की सबसे ऊंची और भव्य गजानन प्रतिमा की स्थापना करने की ठानी थी। जीवाजीगंज में उन्होंने भगवान गणेश की 25 फीट ऊंची प्रतिमा तैयार कराई थी। शनिवार को गणेश चतुर्थी के दिन रात 12 बजे पूजा कर भक्त गजानन की प्रतिमा को खल्लासीपुरा स्थापना स्थल तक ले जाने के लिए निकले थे। करीब 20 घंटे लगातार चलने के बाद यह प्रतिमा को रविवार रात 8 बजे तक शिंदे की छावनी में नवाब साहब का कुआं तक लाई गई थी। यहां सड़क बहुत जर्जर हालत में है। इस वजह से सभी भक्त मंडल के सदस्य प्रतिमा को सावधानी से निकाल रहे थे, लेकिन तभी एक गहरे गड्ढे में गाड़ी का पहिया पड़ते ही मूर्ति एक तरफ को झुकने लगी। कुछ लोगों ने बचाने का प्रयास किया, लेकिन वजन इतना ज्यादा था कि प्रतिमा गिरकर खंडित हो गई।
जैसे ही प्रतिमा खंडित हुई, मौके पर हंगामा खड़ा गया। 200 से 300 लोग सड़क पर आ गए और वहीं प्रतिमा के पास बैठ गए। लोगों का कहना था कि पूरे शहर में सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे हैं। सौ से ज्यादा गड्ढे बचाते हुए गणेश प्रतिमा को शिंदे की छावनी तक लाए थे, लेकिन यहां एक गड्ढे ने पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया। समिति सदस्यों ने बताया कि 31 साल से वे गणेश प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं। हर साल एक फीट बढ़ाकर प्रतिमा बनवाते हैं।
संस्था के अध्यक्ष पंकज कुशवाह ने बताया कि पिछले 31 साल से खल्लासीपुरा में गणेश प्रतिमा की स्थापना करते आ रहे हैं। इसकी शुरुआत उनके पिता और मोहल्ले के लोगों ने की थी। पिछले 16 साल से हर साल 1 फीट गणेश प्रतिमा बढ़ाकर लाना शुरू किया है। प्रतिमा का निर्माण शहर के जीवाजीगंज इलाके में मूर्तिकार पिंकी कुमार ने किया है। उनको इसके निर्माण में करीब एक महीने से ज्यादा समय लगा है। इसमें डेढ़ लाख रुपये की लागत आई है। इतनी बड़ी मूर्ति को उठाने और पंडाल तक पहुंचाने के लिए क्रेन की मदद लेनी पड़ती है।
40 बाई 60 का विशाल पंडाल बनाया
शहर की सबसे ऊंची प्रतिमा की स्थापना के लिए 40 बाई 60 का विशाल पंडाल बनाया गया है। यह पंडाल शहर के कारीगरों ने तैयार किया है। जिसकी तैयारी 15 दिन पहले से शुरू हो गई थी। पंडाल को ऊपर से बारिश की आशंका के चलते वाटर प्रूफ बनाया गया था।