Ranchi -महागठबंधन के अंदर डिसीजन मेकर के रूप में जानी जा रही हैं कल्पना सोरेन

Ranchi -झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में कल्पना मुर्मू सोरेन की एंट्री झारखंड की राजनीति में बड़ा बदलाव है। राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बना है कि वह हेमन्त सोरेन से कम नहीं हैं। कल्पना सोरेन की राजनीतिक सोच और दृष्टि बहुत कुछ बयां करती है।राजनीतिक सूत्रों के अनुसार महागठबंधन के अंदर भी कल्पना सोरेन डिसीजन मेकर के रूप में जानी जा रही हैं। चाहे सीट बंटवारे का फार्मूला तय करना हो या अन्य हरेक राजनीतिक गतिविधियों पर कल्पना सोरेन की निगाहें रहती हैं। कुछ दिन पहले ही कल्पना सोरेन की महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, राजद और अन्य दलों के शीर्षस्थ नेताओं के साथ बैठक हुई थी।

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बहरहाल लोकसभा चुनाव 2024 का आगामी परिणाम निर्णयक होगा। राज्यवासियों को यही चुनावी परिणाम बताएगा कि राजनीति में वाकई कल्पना सोरेन का बड़ा कद है या फिर कल्पना सोरेन सिर्फ राजनीतिक कल्पनाओं में फीट बैठती हैं। इधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव कहते हैं कि जिस पार्टी के सरदार ही जेल के अंदर हैं। वे कल्पना के सहारे ही राजनीतिक वापसी का ख्वाब देखेंगे। अब भ्रष्टाचार की आड़ में जेल के अंदर से मिला मार्गदर्शन कितना कारगर साबित होगा, समझ सकते हैं। वैसे जल, जंगल और जमीन की वकालत करने वाले लोगों पर करोड़ों की जमीन घोटाला करने का बड़ा आरोप लगा है। दूसरी ओर झामुमो के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी में कोई भी नया सदस्य जुड़ता है तो इसका व्यापक लाभ मिलता है। कल्पना सोरेन के आने के बाद निश्चित तौर पर महागठबंधन को संगठनात्मक रूप से लाभ मिल रहा है।

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