बीएसपी के 6 विधायकों का कांग्रेस में विलय गलत नहीं: अशोक गहलोत

जयपुर। राजस्थान की सरकार बचाने के लिए कांग्रेस ने बहुजन समाज पार्टी के छह विधायकों का कांग्रेस में विलय कराया है। इसके बाद से विपक्ष कई सवाल पूछ रहा है और खुद बसपा सुप्रीमो मायावती ने गहलोत सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को चुप्पी तोड़ी है और बीजेपी पर हमला बोला है। सीएम गहलोत ने कहा है कि बीजेपी ने टीडीपी के 4 सांसदों को राज्यसभा के अंदर रातों रात मर्जर करवा दिया, वो विलय किया तो सही है और राजस्थान में 6 विधायक मर्जर कर गए कांग्रेस में वो मर्जर गलत है, तो फिर बीजेपी का चाल-चरित्र-चेहरा कहां गया? राज्यसभा में विलय हो वो सही है और यहां विलय हो वो गलत है?
हाईकोर्ट ने स्पीकर से मांगा है जवाब
बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर राजस्थान विधानसभा चुनाव जीतने वाले 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय पर राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पीकर और इन विधायकों को नोटिस जारी किया है। राजस्थान की सत्ताधारी पार्टी में अपने विधायकों के विलय के खिलाफ कोर्ट पहुंची बीएसपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के साथ ही विधानसभा सचिव को भी नोटिस जारी कर इन सभी से 11 अगस्त तक जवाब देने को कहा है।
इन छह विधायकों ने जीता था चुनाव
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी टिकट पर संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेन्द्र अवाना और राजेन्द्र गुढ़ा ने जीत दर्ज की थी। लेकिन, अगले साल यानी 2019 के सितंबर में ये सभी बीएसपी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे।बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने स्पीकर से शिकायत करते हुए कहा कि यह दल-बदल विरोधी कानून का उलंलघन है। 200 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए संघर्ष कर रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए इस वर्तमान राजनीतिक संकट के बीच स्पीकर सीपी जोशी ने बीएसपी विधायकों के विलय की शिकायत को खारिज कर दिया।उसके बाद दिलावर हाल में राजस्थान हाईकोर्ट का रुख किया था। दिलावर ने इस महीने की शुरुआत में हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए बीएसपी के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय को खारिज करने की मांगी की थी। इसके साथ ही, चुनौती देते हुए कहा गया बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर विधानसभा स्पीकर की तरफ से उन विधायकों के विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार करने पर ‘कार्रवाई’ नहीं की गई। हालांकि, मदन दिलावर की याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दिया था। जिसके बाद बीएसपी ने भी कांग्रेस में अपने विधायकों के विलय के खिलाफ दायिका दायर की।

Related Articles