यूपी की पहचान के लिए संकट खड़ा करने वाले खुद सकंट में: सीएम योगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि आज किसी जिले के नाम से राज्य में डरने की आवश्यकता नहीं है। यूपी की पहचान के जो लोग संकट हुआ करते थे आज वह स्वयं संकट में हैं। पीएम मेगा एकीकृत वस्त्र एवं परिधान (पीएम मित्र) योजना के अंतर्गत लखनऊ-हरदोई में एक हजार एकड़ में विस्तृत टेक्सटाइल पार्क की स्थापना को लेकर लेकभवन में आयोजित एमओयू के कार्यक्रम को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि आज कोई भी अपराधी व्यापारी को धमका नहीं सकता।
सरकार सभी निवेशकों की पूंजी को सुरक्षित रखने में सक्षम है। प्रदेश पर लगे दंगे के राज्य के कलंक को हम मिटा चुके हैं। 2017 से पहले यूपी दंगे के लिए जाना जाता था। हर दूसरे दिन दंगा होता था। 2012 से 17 के बीच 700 से ज्यादा दंगे हुए थे। 2017 के बाद दंगे की नौबत ही नहीं आई। इस दौरान केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग एवं कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री विक्रम जरदोश मौजूद थे। योगी ने कहा कि पहले कहा जाता था, जहां से अंधेरा शुरु हो, वहां से उत्तर प्रदेश शुरू हो जाता है। 75 में से 71 जिले अंधेरे में होते थे। आज ये दूर हो चुका है। आज यूपी के गांवों में स्ट्रीट लाइट्स जगमगा रही हैं।
उन्होने कहा कि यूपी जैसा कृषि प्रधान राज्य जहां पर एक बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर करती है। रोजगार के दृश्य से अगर हम देखें तो वस्त्र उद्योग ही सर्वाधिक रोजगार सृजन करने वाला क्षेत्र है। यूपी में वस्त्र उद्योग की एक समृद्ध परम्परा रही है। यहां का हैंडलूम, पावरलूम, वाराणसी और आजमगढ़ की सिल्क साड़ियां, भदोही का कारपेट, लखनऊ की चिकनकारी और सहारनपुर का क्राफ्ट यह सब विश्वविख्यात रहा है। उन्होंने कहा कि कानपुर कभी वस्त्र उद्योग का केंद्र रहा है उसकी गिनती 4-5 महानगरों में होती थी।
योगी ने कहा कि यूपी न केवल अपने औद्योगीकरण के लिए बल्कि नगरीय व्यवस्था की दृष्टि से भी देश का एक महत्वपूर्ण प्रदेश माना जाता था लेकिन एक कालखंड ऐसा भी आया जिसमें यूपी की इस पहचान को पूरी तरह समाप्त सा कर दिया था। हैंडलूम और पावरलूम को उचित प्रोत्साहन ना मिलने के कारण वह भी दम तोड़ने लगे थे। विगत 9 वर्षों के अंदर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने जो प्रगति की है उसका लाभ लगभग 6 वर्ष के अंदर यूपी को सर्वाधिक मिला है।