आरोग्य भारती के कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- हमारा खराब रहन-सहन भी बीमारियों का कारण
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ में आरोग्य भारती के अखिल भारतीय प्रतिनिधिमंडल सम्मेलन को संबोधित किया। एक निजी स्कूल के प्रांगण में दो दिन के इस अधिवेशन में विशेषज्ञ चिकित्सा के क्षेत्र में अपने योगदान को साझा करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान कोरोना काल में आरोग्य भारती के योगदान को जमकर सराहा। उन्होंने कोरोना काल में प्रत्येक नागरिक के बचाव व जागरूकता के लिए जो विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चले, उनमें आरोग्य भारती उन चुनिंदा संगठनों में से एक था, जिसने कि प्रदेश सरकारों के साथ के साथ कदम मिलाकर बिना किसी भेदभाव के समाज के हर तबके को उत्तम आरोग्यता प्रदान करने का कार्य किया।उन्होंने कहा कि मैं सबसे पहले आरोग्य भारती के अखिल भारतीय प्रतिनिधिमंडल के उपस्थित सभी प्रतिनिधियों का लखनऊ में हृदय से स्वागत करता हूं। मैं आरोग्य भारती को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने अपनी इस बैठक को देश की आबादी के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में आयोजित किया है।आरोग्य भारती के अखिल भारतीय प्रतिनिधिमंडल बैठक 2022 के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना महामारी में आरोग्य भारती के स्वयंसेवकों की ओर से किए गए समाज कार्य और सेवा को हम सब ने देखा है। आरोग्य भारती उन कुछ संगठनों में से एक है जिनके स्वयं सेवकों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की जरूरतों को पूरा किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवकों ने भी कोरोना महामारी के दौरान अपनी अभूतपूर्व सेवा भावना का परिचय दिया।मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना में भारत का परिणाम दुनिया में सबसे अच्छा रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बेहतर व कुशल प्रबंधन का परिणाम रहा जिसे पूरी दुनिया ने देखा। इनके स्वयंसेवकों के प्रयास से भी हमने कोरोना महामारी में बेहतर करके दिखाया है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में हल्दी के महत्व पर भी चर्चा की। कोई भारतीय परिवार ऐसा नहीं होगा जो दैनिक भोजन में हल्दी का सेवन न करता हो। हल्दी की ताकत को दुनिया ने कोरोना कालखंड में अवश्य समझा होगा।उन्होंने कहा कि आयुष की ताकत को दुनिया ने भले ही को रोना काल में समझा हो मगर 2014 में प्रधानमंत्री ने आयुष की महत्ता को समझते हुए इससे संबंधित सभी मंत्रालय को एक साथ जोड़ दिया। बस है कि हमारे पास क्षमता है और ताकत पहले से थी, मगर इस और कभी काम नहीं किया गया।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ही प्रयासों का नतीजा है कि 21 जून को आज पूरा देश विश्व योग दिवस के रूप में जाना जाता है, विश्व के पौने दो सौ देश आज योग को अपना चुके हैं। उन्होंने आरोग्य भारती के स्वयंसेवकों की सराहना करते हुए कहा कि हर अवसर पर उन्होंने अपनी भूमिका को सिद्ध किया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ शरीर ही धर्म के साधन को पूरा कर सकते हैं। भारतीय मनीषा हमें सदैव इसी ओर प्रेरित करते रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार की ओर से पूर्वाचल के जिलों में जेई को लेकर किए गए सार्थक प्रयासों से लोगों को अवगत कराया। उन्होंने लोगों से कहा कि खराब रहन-सहन भी बीमारियों का कारण है। ऐसे में हम अपने रहन-सहन सुधार कर तमाम बीमारियों से बच सकते हैं।इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ मनमोहन वैद्य, आरोग्य भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राकेश पंडित, डॉ राजेश कोट्या, आयुर्वेदाचार्य राकेश पंडित, डॉ बी एन सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। केन्द्र सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में शामिल होकर संदेश दिया