मच्छरों के डंक पर देशी उपचार कारगर, जन जागरूकता से बीमारी जानलेवा नहीं

प्रयागराज । प्रयागराज में मादा एडीज मच्छरों के डंक से होने वाला डेंगू तेजी से फैलने के बावजूद अब जानलेवा नहीं रहा। राहत की बात है कि एलाइजा टेस्ट के अनुसार डेंगू अब तक 251 लोगों को हो चुका है और जान सभी की सुरक्षित रही। 215 लोग इनमें पूरी तरह स्वस्थ भी हो चुके हैं। बीमारी का पता लगने के बाद उपचार के प्रति जागरूकता और डाक्टरों पर भरोसे ने डेंगू के प्रभाव को कम कर दिया है। घर में देसी उपचार भी रोग से लड़ने में कारगर हो रहे हैं। फैलने के बाद भी डेंगू की बीमारी हर वर्ष वर्षा ऋतु खत्म होते-होते आती है। टूटी-फूटी सड़क, गड्ढों या खाली प्लाट में भरा वर्षा का पानी, गंगा-यमुना की बाढ़ से घरों के बेसमेंट में भरे पानी, कूलर की टंकियों, खाली पड़े पुराने टायरों और गमलों में भरा वर्षा का पानी मच्छरों के लार्वा पनपने में सहायक होता है। इससे फैलने वाले डेंगू से हर वर्ष कुछ लोगों की मौतें होती हैं। इस बार भी वही अंदेशा था लेकिन डेंगू फैलने के बाद भी राहत है। जन जागरूकता इस बार डेंगू फैलाने वाले मच्छरों की ताकत पर भारी पड़ गई। डेंगू पहले जैसी तेजी से ही फैल रहा है। औसत 15 लोग रोज बीमार हो रहे हैं। मलेरिया विभाग एलाइजा टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर ही किसी को डेंगू पीड़ित मानता है और ऐसे 251 लोगों को डेंगू हो चुका है। 200 से अधिक जांच मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलाजी लंबित है। वर्तमान में 29 लोगों का उपचार अस्पताल में भर्ती करके और सात का उनके घर में हो रहा है। घोषित तौर पर डेंगू से इस बार किसी की मौत नहीं हुई है। मलेरिया अधिकारी आनंद कुमार सिंह का कहना है कि जनजागरूकता से ऐसा संभव हुआ है। पिछले साल दो लोगों की जान चली गई थी। वर्तमान में स्थिति सामान्य है, भविष्य में भी लोग बुखार होने पर तत्काल जांच कराएंगे तो डेंगू वश में रहेगा। दवाओं का छिड़काव हो रहा है, यदि लोग घरों में साफ सफाई भी रखें तो परिणाम सुखद होंगे।

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