शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी ने बंगाल के दो मंत्रियों के आवासों पर मारे छापे
प्रवर्तन निदेशालय राज्य में 13 जगहों पर अभियान चलाया।
कोलकाता। स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले में ईडी ने शुक्रवार को बंगाल में ममता सरकार के वर्तमान उद्योग व संसदीय कार्य मंत्री व पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी तथा राज्य शिक्षामंत्री परेश चंद्र अधिकारी के घर समेत राज्य में 13 स्थानों पर छापेमारी की। कूचबिहार के मेखलीगंज स्थित शिक्षा राज्य मंत्री परेश अधिकारी के घर ईडी के अधिकारी पहुंचे। प्रवर्तन निदेशालय राज्य में 13 जगहों पर अभियान चलाया। ईडी के अधिकारियों की टीम शुक्रवार सुबह करीब साढ़े सात बजे राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री के नाकतल्ला स्थित आवास पर पहुंचे। ईडी के सात से आठ अधिकारी दो वाहनों में पार्थ के घर पहुंचे। केंद्रीय सुरक्षा बल घर के सामने तैनात रहे। सूत्रों के मुताबिक, ईडी के पार्थ के घर पहुंचने की पुलिस को पहले से कोई सूचना नहीं थी। स्थानीय थाने के पुलिस अधिकारी खबर पाकर पार्थ के घर पहुंचे। गौरतलब है कि सीबीआइ के बाद अब ईडी ने भी बंगाल में स्कूल सर्विस कमीशन में शिक्षकों की भर्ती में हुए भ्रष्टाचार के मामले की जांच शुरू की थी। ईडी ने मामले में अवैध लेनदेन यानी रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच के लिए जांच शुरू की । इस मामले में सीबीआइ राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और वर्तमान उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी से तीन बार पूछताछ कर चुकी है। हालांकि इस मामले में विधानसभा में ममता बनर्जी ने साफ कर दिया था कि उनकी सरकार पार्थ चटर्जी के साथ खड़ी है। एसएससी भर्ती घोटाले में ममता सरकार घिरी हुई है। तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी आरोपों से घिरे हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट ने शिक्षकों की भर्ती में हुए घोटाले की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था। कोयला तस्करी मामले में सीआइडी ने फिर नए सिरे से समानांतर जांच शुरू की कोयला तस्करी मामले में सीआइडी ने फिर से समानांतर जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक मामले की जांच के लिए सीआइडी ने एक एसआइटी या विशेष जांच दल का गठन किया है। दस सदस्यीय जांच दल का नेतृत्व सीआइडी के विशेष अधीक्षक (एसएस) कर रहे हैं। यह एसआइटी पिछले विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन डीआइजी (सीआइडी) के नेतृत्व में बनाई गई थी। लेकिन उनकी जांच बीच में ही रुक गई थी। राजशेखरन के नए एडीजी (सीआइडी) बनने के बाद राज्य ने एक नई एसआइटी बनाई और मामले जांच शुरू की।