महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण महोत्सव 17 जुलाई से
उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में 17 जुलाई से श्रावण महोत्सव प्रारंभ होगा। मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि इस महोत्सव में अंतराष्ट्रीय एवं स्थानीय कलाकार शिरकत करेंगे। ऐसा महोत्सव कोरोना महामारी के कारण दो वर्ष से आयोजित नहीं किया जा सका। इस वर्ष यह आयोजन 17 जुलाई से प्रारंभ होकर 21 अगस्त तक मनाया जावेगा।उन्होंने बताया कि श्रावण महोत्सव में 18 प्रस्तुतियां होंगी। जिसमें प्रत्येक रविवार को राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों के साथ-साथ स्थानीय कलाकरों को भी मंच दिया गया है। पहले रविवार 17 जुलाई को भोपाल के ध्रुपद गायन .जुगलबंदी. सुश्री धानी गुंदेचा व सुश्री जान्हवी पंसालकर, के अलावा उज्जैन के केशव केवलिया, विनायक शर्मा व हर्षिल मेहता की तबला त्रिवेणी की प्रस्तुति तथा नृत्य में श्री शन्तनु चक्रवर्ती व सुश्री परिणित मलिक नई दिल्ली द्वारा युगल भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी जावेगी।उन्होंने बताया कि 24 जुलाई को सुश्री गौरी पाठारे, मुंबई का शास्त्रीय गायन, पंच नाद संस्था (श्रीमती स्मिता वाजपेयी एवं समूह) इन्दौर का पंचवाद्य (संतूर, सितार, तबला, हारमोनियम, वायलिन) की प्रस्तुति व उज्जैन की सुश्री रितु शर्मा (शुक्ला) की संस्था नृत्यसिद्धा कथक अकादमी, उज्जैन का समूह कथक होगा। 31 जुलाई को सुश्री सुधा रघुरमन, नई दिल्ली का शास्त्रीय गायन, राकेश घुघरे उज्जैन का तबला वादन, वी.नरहरि, विविध आर्टस मुंबई का कथक (12 ज्योतिर्लिंग एवं 11 रूद्र पर प्रस्तुति)। 07 अगस्त को सुश्री रागिनी देवले, उज्जैन का शास्त्रीय गायन, सौगात गांगुली, कोलकाता का सरोद वादन, त्रिभुवन महाराज एवं श्रीमती रजनी महाराज, वाराणसी का कथक एवं भरतनाट्यम।उन्होंने बताया कि 14 अगस्त को धनंजय हेगडे, मुंबई का शास्त्रीय गायन, ऐश्वर्य आर्य, जयपुर का पखावज व उज्जैन की श्रीमती परिधी नीमा लोखंडे के कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी। महोत्सव के अंतिम निशा का समापन 21 अगस्त को मुंबई के जयतीर्थ मेहुंडी का शास्त्रीय गायन, भोपाल की सुश्री कल्याणी व सुश्री वैदही फगरे का युगल ओडिसी नृत्य व उज्जैन की सुश्री सुष्मिता पंवार के कथक से होगा।