सौ दिन का लक्ष्य 30 जून तक पूर्ण करा लिया जाए :मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरी बार प्रदेश की बागडोर थामने के साथ ही अपनी, मंत्रियों तथा विभाग की भी प्राथमिकता तय कर ली थी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सरकार के पहले सौ दिन, छह महीने, एक वर्ष, दो वर्ष तथा पांच वर्ष के कार्यकाल की प्राथमिकता तय कर दी थी। अब पांच जुलाई को सरकार के सौ दिन पूरे होने पर वह कार्य का ब्यौरा पेश करेंगे।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को मंत्रियों के साथ राज्य सरकार के प्रथम 100 दिवस के कार्यों की समीक्षा बैठक में अपना रुख की स्पष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से विगत मार्च माह में राज्य सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत हुई थी। सरकार के गठन के उपरांत सभी विभागों के लिए प्रथमिकता के आधार पर प्रथम सौ, छह माह, एक वर्ष, दो वर्ष और पांच वर्ष की कार्ययोजना तय की गई थी। प्रथम 100 दिनों का लक्ष्य प्रत्येक दशा में 30 जून तक पूर्ण करा लिया जाए। इस को वरीयता पर लेकर मुख्य सचिव स्तर से विभागीय समीक्षा की जाए और रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पांच जुलाई को वर्तमान सरकार दूसरे कार्यकाल के प्रथम सौ दिन पूरे कर रही है। इस विशेष अवसर पर चार जुलाई को राज्य स्तर पर प्रेस वार्ता की जाएगी। सभी मंत्रीगण/जनप्रतिनिधि जनता के बीच होंगे। हमें अपने संकल्पों के क्रम में अब तक हुई कार्यवाही की प्रगति से जनता को अवगत कराना होगा। इसके साथ ही पहले सौ दिवस पूर्ण होने के अवसर पर विभागीय मंत्री अपनी उपलब्धियों का विवरण जनता के समक्ष प्रस्तुत करें। सौ दिन की प्रगति रिपोर्ट के साथ-साथ अगले छह महीने के लक्ष्य के बारे में भी जानकारी दें। मंडलों के प्रभारी मंत्रीगण अपने प्रभार के मंडलों में जनता के बीच जाएं।उन्होंने कहा कि हर जनपद में एक-एक सीएचसी को पीपीपी मोड पर संचालित किया जा सकता है। इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें। मॉडल के रूप में लागू किया जाए। हेल्थ एटीएम की स्थापना के लिए तत्काल आवश्यक कार्यवाही की जाए। व्यापक जनहित के दृष्टिगत यह एक महत्वपूर्ण कार्य होगा। रिमोट एरिया में टेलिकन्सल्टेशन को और बढ़ावा दिया जाना चाहिए।सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डग्गामार बसों को एक व्यवस्था से जोडऩे पर विचार किया जाए। इनके लिए रूट का निर्धारण किया जा सकता है। इससे सुदूर क्षेत्रों तक परिवहन की सुविधा सुलभ हो सकेगी। इस संबंध में सभी आयामों पर विचार करते हुए कार्ययोजना तैयार की जाए। परिवहन विभाग नवाचारों के माध्यम से अपने साधनों से आय के नए स्रोत पैदा कर सकता है। परिवहन विभाग की भूमि हर जगह प्राइम लोकेशन पर है। यहां होटल, रेस्त्रां का संचालन किया जा सकता है। प्रदेश में बस स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं।