अयोध्या के कैंट क्षेत्र में लावारिस हालत में 18 हैंड ग्रेनेड मिलने से सनसनी
सेना ने किया नष्ट
अयोध्या । रामनगरी अयोध्या में सोमवार को दोपहर में एक दर्जन से अधिक हैंड ग्रेनेड मिलने से सनसनी फैल गई है। यहां के कैंट कैंट इलाके में एक दर्जन से अधिक हैंड ग्रेनेड मिले सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गई। मिले हुए सभी 18 हैंड ग्रेनेड नष्ट कर दिए गए हैं।अयोध्या में निर्मली कुंड चौराहे के पास नाले किनारे 12 से 15 हैंड ग्रेनेड बिखरे पड़े थे। यहां पर सड़क के किनारे गड्ढ़े में फलों की तरह बिखरे पड़े मिले इन हैंड ग्रेनेड के बारे में सूचना मिलते ही जिले में पुलिस के आला अफसरों मौके पर पहुंचे। प्रदेश में हाई अलर्ट जोन वाले जिले में बड़ी संख्या में हैंड ग्रेनेड मिलने की सूचना पर खलबली मच गई । अयोध्या में श्रीराम लला मंदिर प्रांगण में आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बेहद मुस्तैद रहती है। निर्मली कुंड चौराहे के बाद का क्षेत्र कैंट एरिया में आता है। सरयू नदी का गुप्तार घाट भी कैंट क्षेत्र में आता है। जहां पर रोज हजारों पर्यटक आते हैं। ऐसे में हैंड ग्रेनेड मिलने से यहां खलबली मची।कैंट इलाके में निर्मली कुंड चौराहे के पास पड़े हैंड ग्रेनेड पर एक स्थानीय युवक की नजर पड़ी तो उसने मिलिट्री इंटेलिजेंस को जानकारी दी। पेड़ों और झाडि़यों के बीच 10 से 12 हैंड ग्रेनेड पड़े हुए थे। इस बारे में सेना ने अयोध्या पुलिस को जानकारी दी और हैंड ग्रेनेड को नष्ट कर दिया।हैंड ग्रेनेड कैंट एरिया में सेना के ट्रेनिंग सेंटर से करीब तीन किलोमीटर दूर झाड़ियों में मिले। बरामद हैंड ग्रेनेड को नष्ट कर दिया गया है। कहां से आए, इस बारे में पुलिस पता लगा रही है। अयोध्या में हैंड ग्रेनेड बरामद होने पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। डोगरा कैंटोनमेंट बोर्ड क्षेत्र के निर्मली कुंड चौराहे के पास एक नाले के पास 18 हैंड ग्रेनेड मिले।जिस जगह पर हैंड ग्रेनेड पाए गए हैं, उस जगह से करीब ढाई से 3 किलोमीटर दूर सेना का हैंड ग्रेनेड प्रैक्टिस ग्राउंड है। ऐसे में यह यूज किए हैंड ग्रेनेड यहां तक कैसे पहुंचे, इसका पता नहीं चल पाया है।इस बारे में अयोध्या के एसएसपी शैलेश पांडे का कहना है कि डोगरा रेजिमेंटर सेंटर ने एक पत्र के माध्यम से कैंट थाने को हैंड ग्रेनेड मिलने की जानकारी दी। सेना के पीआरओ शांतनु प्रताप सिंह ने इस तरह के किसी मामले की जानकारी होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ये बातें आम हैं। अक्सर ऐसा होता है कि ट्रेनिंग के दौरान कुछ हैंड ग्रेनेड नहीं फटते जिन्हें बाद में रिकवर कर लिया जाता है।