समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय दिलाने उतरे थे बाबा साहेब : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ । भारतीय संविधान के निर्माता, समाजवादी तथा अर्थशास्त्री बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर की 131वीं जयंती पर देश उनको याद कर रही है। आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत भारत रत्न बाबा साहब डा. भीमराव आम्बेडकर की जयंती के अवसर पर लखनऊ में डा. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। डा. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि शामिल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा साहब को महान समाजवादी बताया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब का यह सपना था कि हम एक ऐसा समाज बनाए जहां भेद-भाव, अन्याय और शोषण के लिए कोई जगह ना हो। सभी लोग एक-दूसरे के सुख-दुख में खड़े और सभी समान रूप से विकास करें।उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने तो भगवान बुद्ध के अप्प दीपो भव: के भाव को जीवन में अंगीकार करने का प्रयास किया। यही कारण है कि आज केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जहां कहीं भी गरीबों, वंचितों व समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की बात होती है। न्याय बंधुता व स्वाधीनता की बात होती है वहां पर बाबा साहब जी का नाम बड़ी श्रद्धा व सम्मान के साथ लिया जाता है। बाबा साहब जी के जन्म के दौरान छुआछूत व अस्पृश्यता की भावना थी। स्कूल सहित जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए इस प्रकार की भावना थी लेकिन उन्होंने पलायन का नहीं जीवन में संघर्ष का रास्ता अपनाया। प्रदेश में 43 लाख से अधिक गरीबों को एक-एक आवास पीएम आवास योजना व सीएम आवास योजना के अंतर्गत उपलब्ध होना व बिना भेदभाव के आज 2.61 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को एक-एक शौचालय उपलब्ध होना बाबा साहब जी के ही सपने को साकार करने जैसा है।

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