राष्ट्रपति पद स्वीकार नहीं करेंगी मायावती, बोलीं- भाजपा ने झूठा प्रचार किया
लखनऊ। यूपी चुनाव खत्म होने के साथ ही मायावती ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है। मायावती ने कहा कि आरएसएस के लोगों ने हमारे लोगों के बीच प्रचार करवाया कि बीसएपी की सरकार नहीं बनने पर बहनजी को राष्ट्रपति बना दिया जाएगा। मायावती ने अपने आधिकारिक ट्विटर हेंडल से एक प्रेस रिलीज जारी किया। दो पेज के प्रेस रिलीज में मायावती ने कहा कि देश की राष्ट्रपति बनना तो दूर की बात है, वो इस बारे में सपने में भी नहीं सोच सकती हैं। उन्होंने आगे कहा कि आरएसएस और बीजेपी के नेताओं को ये मालूम है कि कांशीराम जी ने भी इनका ये प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया था, फिर मैं तो उनके पदचिन्हों पर चलने वाली उनकी शिष्या हूं।इसके साथ ही सोशल मीडिया पर मायावती की चुनाव में भूमिका पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। गौरतलब है कि हाल ही में यूपी में विधानसभा चुनावों में मायावती और उनकी पार्टी बीएसपी साइलेंट मोड़ में नजर आए। चुनाव प्रचार देखकर लगा ही नहीं कि मायावती भी चुनाव जीतने की कोशिश कर रही हैं। यही वजह रही कि मायावती के परंपरागत वोट बैंक मानी जाने वाली जातियों के वोट भी उनसे खिसक कर बंट गए। बीजेपी ने बसपा के वोट बैंक में अच्छी सेंधमारी की और अब उसे अपनी तरफ मिलाए रखने की कोशिश भी कर रहे हैं। इसी कड़ी में योगी कैबिनेट में अनुसूचित जाति से 8 मंत्रियों को शामिल किया गया है। गौरतलब है कि इसी साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। एनडीए उम्मीद जता रही है कि उनके चुने व्यक्ति को ही बहुमत मिलेगा लेकिन पांच राज्यों में हुए चुनाव से सियासी समीकरण थोड़े बदल गए हैं। कहा जा रहा है कि अब बीजेपी को अगर अपने पसंद के उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनाना है तो उसे बाहरी दलों का सहारा लेना पड़ सकता है।