यूक्रेन को लेकर होने वाली यूएनजीए मीटिंग से पहले न्यूयॉर्क पहुंचे विदेश सचिव हर्षवर्धन
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद उत्पन्न मानवीय संकट को लेकर मसौदा प्रस्तावों पर संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद में मतदान होने की संभावना के बीच मंगलवार को न्यूयॉर्क विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला न्यूयॉर्क पहुंचे। प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रृंगला बुधवार को संयुक्त राष्ट्र और अरब देशों की लीग के बीच सहयोग पर सुरक्षा परिषद की बैठक में हिस्सा लेंगे।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला का न्यूयॉर्क में स्वागत कर प्रसन्नता हुई। विदेश सचिव संयुक्त राष्ट्र और अरब देशों की लीग के बीच सहयोग पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में हिस्सा लेंगे।
भारत वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक अस्थायी सदस्य है और श्रृंगला ने पिछले साल अफगानिस्तान पर निकाय के एक अन्य सत्र में भाग लिया था। हालांकि, वह यूएनजीए द्वारा यूक्रेन की स्थिति पर दो प्रतिद्वंदी मसौदा प्रस्तावों को लेने से कुछ ही घंटे पहले अमेरिका पहुंचे।
नई दिल्ली जो अब तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने से बचती रही है, यूरोप में संघर्ष पर अपना रुख बदलने के लिए वाशिंगटन एवं अन्य पश्चिमी शक्तियों के बढ़ते दबाव का सामना कर रही है। यूक्रेन मसले पर भारत ने बार-बार शत्रुता को तत्काल समाप्त करने और बातचीत के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है। इसने सभी राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने पर भी जोर दिया है।
वहीं यूक्रेन संकट पर भारत पर अपनी स्थिति बदलने के बढ़ते दबाव को देखते हुए न्यूयॉर्क में श्रृंगला की उपस्थिति महत्वपूर्ण है। क्योंकि सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा था ‘‘संभावित अपवाद भारत’’ के साथ यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रमण को लेकर नाटो और क्वाड का एक ‘‘संयुक्त मोर्चा’’ खड़ा है।बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में भारतीय विदेश मंत्रालय जिस तरह से कदम उठा रहा है उसकी सराहना दुनिया कर रही है। कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में आयोजित एक सार्वजनिक रैली में भारत की एक स्वतंत्र विदेश नीति का अनुसरण करने के लिए सराहना करते हुए कहा था कि नई दिल्ली ने यूक्रेन पर हमले के लिए मास्को पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद रूस से कच्चा तेल आयात किया।
इसके जवाब में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि भारत का रिकॉर्ड इसकी खुद ही पुष्टि करता है। उन्होंने कहा था कि यह कहना गलत होगा कि केवल एक नेता ने नई दिल्ली की प्रशंसा की है। श्रृंगला ने कहा एक व्यक्ति कहना गलत होगा। मुझे लगता है कि हमारी कई विदेश नीति पहलों के लिए हमें प्रधानमंत्री के स्तर पर विभिन्न वर्गों की प्रशंसा मिली है। मुझे लगता है कि हमारा रिकॉर्ड खुद इसकी पुष्टि करता है।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)