नवाब मलिक के बेटे तक पहुंची जांच की आंच, ईडी ने फराज मलिक को किया तलब
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब नवाब मलिक के बेटे फराज मलिक की मुसीबत बढ़ सकती है। दाऊद इब्राहिम से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने फराज मलिक को भी तलब किया है। हाल ही में ईडी ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें तीन मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। इससे पहले नवाब मलिक के पूर्व सहयोगी और महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को ईडी ने 2 नवंबर 2021 को कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में गिरफ्तार किया था। यह मामला बैंक के उस समय के अधिकारियों और निदेशकों द्वारा अपने रिश्तेदारों व कुछ लोगों को सहकारी चीनी मिलों को औने-पौने दाम में बेच देने के आरोप से संबंधित है। ईडी ने सोमवार को महाराष्ट्र के मंत्री प्रजक्त तानपुरे और अन्य की करीब 94 एकड़ जमीन कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले से जुड़े धनशोधन जांच के सिलसिले में कुर्क की है. तानपुरे, शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) के चौथे नेता हैं जिन्हें केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच की आंच महसूस हुई है। एनसीपी महाराष्ट्र की शिवसेना नीत महा विकास आघाडी सरकार में कांग्रेस के साथ साझेदार है। ईडी ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध द्वारा अगस्त 2019 में दर्ज मामले के आधार पर एफआईआर दर्ज की. पुलिस ने यह एफआईआर बंबई हाईकोर्ट के 22 अगस्त 2019 के आदेश के आधार पर दर्ज की जिसमें महाराष्ट्र के सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों को बेचने में कथित जालसाजी के आरोपों की जांच करने को कहा गया था। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि प्रसाद शुगर ‘एकमात्र बोली लगाने वाली’ कंपनी थी लेकिन नीलामी की प्रक्रिया को प्रतिस्पर्धी दिखाने के लिए ‘दूसरी बोली लगाने वाले’ के दस्तखत एमएससीबी अधिकारियों द्वारा नीलामी दस्तावेज पर लिए गए। नीलामी की प्रक्रिया वर्ष 2007 में पूरी की गई थी लेकिन प्रसाद शुगर ने खरीद के लिए भुगतान 2010 में किया जबकि कानूनी रूप से नीलामी के 52 दिनों के भीतर कीमत अदा करनी थी।